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जामताड़ा के आयुष चिकित्सा व्यवस्था का है बुरा हाल, जनकल्याण से है कोसों दूर

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Published : Sep 12, 2020, 8:46 PM IST

जामताड़ा में आयुष चिकित्सा व्यवस्था का काफी बुरा हाल है. आयुष चिकित्सा सुविधा का लाभ जामताड़ा के लोगों को नहीं मिल पा रहा है. जन कल्याण के लिए जामताड़ा में आयुष चिकित्सा व्यवस्था को लेकर हर प्रखंड में लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर भवन बनाया गया है, लेकिन एक आध छोड़ सभी भवन बेकार साबित हो रहा है.

जामताड़ा के आयुष चिकित्सा व्यवस्था का है बुरा हाल
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जामताड़ा: जिले में आयुष चिकित्सा व्यवस्था का बुरा हाल है. आयुष चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चौपट रहने के कारण इसका लाभ आम जनता को नहीं मिल पा रहा है, जिससे लोगों को काफी कठिनाईयों का समना करना पड़ रहा है.

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चिकित्सा व्यवस्था का है बुरा हाल

जामताड़ा में आयुष चिकित्सा व्यवस्था का काफी बुरा हाल है. आयुष चिकित्सा सुविधा का लाभ जामताड़ा के लोगों को नहीं मिल पा रहा है. जन कल्याण के लिए जामताड़ा में आयुष चिकित्सा व्यवस्था को लेकर हर प्रखंड में लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर भवन बनाया गया है, लेकिन एक आध छोड़ सभी भवन बेकार साबित हो रहा है. भवन में आज तक आयुष चिकित्सा व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है. इसमें सरकार के लाखों रुपए खर्च बेकार साबित हो रहे हैं. स्थानीय लोग इस दिशा में सरकार से पहल करने की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि सरकार की गलत नीतियों के कारण जामताड़ा में चिकित्सा व्यवस्था चौपट है. लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर दिया गया, लेकिन इसे चालू नहीं किया गया.

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18 आयुष चिकित्सा भवन बना बेकार

जामताड़ा के आयुष चिकित्सा व्यवस्था में होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक और यूनानी तीनों यूनिट है. होम्योपैथिक, यूनानी और आयुर्वेदिक चिकित्सा सुविधा से लोगों को स्वास्थ्य का लाभ मिल सके. इसे लेकर सरकार और प्रशासन ने जिले में व्यवस्था की थी, ताकि देशी चिकित्सा पद्धति से लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके और लोगों का जनकल्याण हो सके. इस चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ करने और जनकल्याण को लाभ पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर कुल 18 आयुष औषधालय भवन हर प्रखंड में बनाया गया है, जिसमें से मात्र एक चालू है. शेष बंद पड़ा हुआ है. जामताड़ा जिला आयुष पदाधिकारी डॉ पूनम ने बताया कि जन कल्याण के लिए आयुष चिकित्सा व्यवस्था यहां तीन इकाई में है. हर प्रखंड में दो-तीन भवन बनाए गए हैं, लेकिन चिकित्सक की कमी के कारण सभी बंद पड़े हुए हैं. बहाली नहीं हो पा रही है. बंद रहने से इसका लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है.

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