झारखंड

jharkhand

हजारीबाग: घटिया सामान के कारण शुरू नहीं हो सका विद्युत शवदाह गृह, बनवाने वाली कंपनी हो गई बंद

By

Published : Aug 10, 2020, 12:47 PM IST

bad condition of Hazaribag electrical crematorium
हजारीबाग के मुक्तिधाम विद्युत शवदाह गृह की हालत खराब

हजारीबाग में खिरगांव स्थित मुक्तिधाम में तकरीबन दो करोड़ की लागत से बनवाया गया विद्युत शवदाह गृह घटिया सामान के कारण शुरू नहीं हो सका और निर्माण कंपनी बंद हो गई. नतीजतन उद्घाटन के 3 साल बाद तक यह बेकार पड़ा है. हाल यह है कि यहां अब तक एक भी शव नहीं जला, जिससे करोड़ों रुपये के खर्च के बाद भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

हजारीबाग:खिरगांव स्थित मुक्तिधाम में तकरीबन दो करोड़ की लागत से बनवाया गया विद्युत शवदाह गृह घटिया सामान के कारण शुरू नहीं हो सका और निर्माण कंपनी बंद हो गई. नतीजतन उद्घाटन के 3 साल बाद तक यह बेकार पड़ा है. हाल यह है कि यहां अब तक एक भी शव नहीं जला, जिससे करोड़ों रुपये के खर्च के बाद भी लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

देखें पूरी खबर

पसोपेश में नगर निगम कैसे दुरुस्त कराएं

हजारीबाग के खिरगांव स्थित मुक्तिधाम में 1 करोड़ 81 लाख 34 हजार 571 रुपये की लागत से विद्युत शवदाह गृह के निर्माण के लिए टेंडर किया गया था. इसका कार्य चेन्नई की एक कंपनी को दिया गया, जिसने 2017 में शवदाह गृह को तैयार कर दिया. देश के तत्कालीन वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा से इसका उद्घाटन भी करा दिया गया पर घटिया सामान से निर्माण के कारण इसे शुरू नहीं किया जा सका. आज तक यहां एक भी शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया. आरोप है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी की गई थी, जिससे इसका संचालन शुरू नहीं हो पाया. इधर निर्माणकर्ता कंपनी छह माह पहले बंद हो गई, अब निगम पसोपेश में है कि इसे दुरुस्त कैसे कराएं.

ये भी पढ़ें-रांची: कांग्रेस ने मनाया अगस्त क्रांति दिवस, नेताओं ने किया महात्मा गांधी को याद

शवदाह गृह शुरू नहीं हुआ आ गया 10 लाख का बिल

इधर विद्युत शवदाह गृह शुरू नहीं हो सका और बिजली विभाग ने करीब 10 लाख का बिल भेज दिया है यानी एक भी शव यहां जला नहीं और बिल 10 लाख आ गया. अब कोरोना काल में इसे दुरुस्त करने की तैयारी चल रही है, लेकिन जिस कंपनी ने इस सेटअप को तैयार किया था उसका पता नहीं चल रहा है. फिलहाल कोरोनाकाल में इसकी जरूरत को देखते हुए इसको दुरुस्त कराने की कवायद शुरू हो गई है. इसको लेकर हजारीबाग नगर निगम की नवनियुक्त नगर आयुक्त माधवी मिश्रा ने इसे दुरुस्त करने के लिए रांची नगर निगम से संपर्क किया है.

रांची के इंजीनियर बोले-बिजली से नहीं चल सकता, गैस सिलेंडर से जोड़ें

रांची से इंजीनियर इसे देखने के लिए आए और उसने स्पष्ट कह दिया कि यह अब ठीक नहीं हो सकता है. यानी बिजली से यह नहीं चल सकता. इसको शुरू करने का एकमात्र उपाय है कि इसे विद्युत की जगह गैस सिलेंडर से जोड़ा जाए. ऐसे में अब बोर्ड बैठक का इंतजार किया जा रहा है कि निर्णय लेकर गैस सिलेंडर से इसे शुरू किया जा सके.

शवदाह गृह को दुरुस्त करने की कवायद

बता दें कि हजारीबाग में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत होने के बाद अंतिम संस्कार में हो रही समस्या को देखते हुए विद्युत शवदाह गृह को दुरुस्त करने की कवायद युद्ध स्तर पर चल रही है. ऐसे में अब प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि आखिर करोड़ों की लागत से बना प्रोजेक्ट को शुरू कैसे किया जाए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details