गुमला: जिले में अंधविश्वास के नाम पर प्रताड़ना और हत्या प्रशासन की सख्ती और जागरूकता अभियानों के बावजूद नहीं रुक रहा है. ऐसे ही एक मामले ने जिले में सनसनी फैला दी है. जिसमें चैनपुर प्रखंड के बुकमा गांव में 50 साल की सुमित्रा देवी ने अपने भैसूर लुंदरा चीक बड़ाईक और उसकी पत्नी फुलमा देवी की टांगी से काटकर हत्या कर दी है. घटना के बाद आरोपी महिला ने थाने में जाकर सरेंडर कर अपने गुनाह को कबूल कर लिया है.
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डायन बिसाही के शक में हत्या: खबर के मुताबिक आरोपी महिला ने बताया कि उसके बच्चे काफी दिन से बीमार चल रहे थे, जिससे उसे शक था कि उसके जेठ और जेठानी ने जादू टोना कर बच्चे को बीमार कर दिया है. इस वजह से वह काफी गुस्से में थी और बीती रात उसने दोनों की हत्या कर दी. गांव के लोगों ने बताया कि शुक्रवार से ही लुंदरा चीक बड़ाईक और फूलमा देवी ने गांव में बताया था कि सुमित्रा देवी उन्हें डायन कह रही है. जिसे लेकर गांव में बैठक की गई थी. इसके बाद मामला अपने स्तर से रफा-दफा करने की कोशिश की गई थी, लेकिन मामला नहीं सुलझा और विवाद बढ़ता चला गया जिसके बाद पीड़ित दंपति ने सुरक्षा की गुहार लगाते हुए थाने में शिकायत की थी. पुलिस को सूचना देने के बावजूद बीती रात को दोनों की हत्या कर दी गई.
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया: इधर घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल गुमला भेज दिया है. पुलिस के अनुसार पूरे मामले की जांच की जा रही है. हत्या को लेकर जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. लुंदरा चीक बड़ाईक के द्वारा सुरक्षा की मांग किए जाने के बावजूद सुरक्षा नहीं देने पर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं.