गिरिडीह: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी अपने गृह प्रखंड तिसरी पहुंचे जहां उन्होंने पार्टी के कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन का जेल जाना तय है (Babulal Marandi said that Hemant will go to jail). उन्होंने इस दौरान सरकार पर जमकर निशाना साधा. यहां उन्होंने कहा कि हेमंत की सरकार में विकास कार्य रुक गया है और राज्य की मौजूदा हेमंत सोरेन की सरकार में भ्रष्टाचार सिर चढ़कर बोल रहा है. उन्होंने कहा कि झारखंड में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है और आए दिन हत्या, अपहरण, बलात्कार, लूट जैसी घटनाएं हो रही हैं.
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बाबूलाल मरांडी ने कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में महिलाओं पर लगातार अत्याचार हो रहा है, लेकिन यह सरकार इन घटनाओं में अंकुश लगाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है. यह सरकार अपना खजाना भरने में मशगूल है. थानेदार और कर्मचारियों को पैसा वसूलने में लगा रखा है. उन्होंने कहा कि किसी भी विधानसभा क्षेत्र में नई सड़कें नही बनी हैं. भारत के इतिहास में पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन होंगे जिन्होंने मुख्यमंत्री और खनन मंत्री रहते खुद अपने नाम से पत्थर का लीज लेने का काम किया है.
बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में हेमंत सोरेन को जेल जाना तय है. इसका एहसास हेमंत सोरेन को भी हो गया है इसलिए वे बार बार कह रहे हैं कि उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि हेमंत के इस संशय पर मैंने कहा कि लूटे हो तो जेल जाओगे ही. मरांडी ने कहा कि क्षेत्र में बालू लदे ट्रैक्टर पकड़ा जा रहा है. जबकि हेमन्त सोरेन के लोग बिहार, बंगाल और यूपी में बालू की तस्करी कर रहे हैं.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि तिसरी और गावां की अर्थ व्यवस्था ढिबरा यानी माइका स्क्रैप (अभ्रख अवशेष) पर टिकी हुई है. क्षेत्र की एक बड़ी आबादी ढिबरा चुनकर इसका व्यवसाय कर अपना जीवकोपार्जन करती थी, लेकिन राज्य की मौजूदा जनविरोधी हेमन्त सोरेन की सरकार ने ढिबरा चुनने, कोड़ने और इसके व्यवसाय पर नकेल कस कर गरीब मजलूमों के हाथों से रोजगार छिनने का काम किया है. आलम यह है कि ढिबरा का कारोबार बंद होने से भारी संख्या में युवाओं का पलायन हो रहा है.
मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ये समझ में भी नहीं आता है कि किस क्षेत्र के लोग किससे रोजगार कर अपना पेट भरने का काम करते हैं. तिसरी और गावां बाबूलाल मरांडी का घर और क्षेत्र है तो इस क्षेत्र को टारगेट कर सूबे की हेमंत सोरेन की सरकार के इशारे पर वन विभाग ने ढिबरा कारोबार पर नकेल कसकर गरीब मजलुमो के आगे से रोटी छीनने का काम किया है. ढिबरा का कारोबार बंद होने से एक लाख से अधिक लोगों के हाथों से अचानक काम छिन गया है. उन्होंने रैली में हजारों की संख्या में मौजूद मजदूरों और ग्रामीणों से आह्वान करते हुए कहा कि आपलोग समझेंगे कि बाबूलाल मरांडी के भाषण से ढिबरा का कारोबार चालू हो जाएगा तो ऐसा नही है. इसके लिए सभी को मिलकर बड़े आंदोलन करने की जरूरत है तभी यह हरजाई सरकार जागेगी.
मरांडी ने कहा कि वन विभाग ने ढिबरा चुनने और कोड़ने पर से रोक नही हटाया और ढिबरा लदे गाड़ियों को पकड़ना बन्द नही किया तो 15 दिसम्बर के बाद मजदूरों और ग्रामीणों के साथ ढिबरा लेकर डीएफओ का गिरिडीह में जोरदार तरीके से घेराव किया जाएगा और जब तक ढिबरा के कारोबार से पहरा नही हटाया जाएगा तब तक हमलोग डीएफओ कार्यालय के पास ही डटे रहेंगे.