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Jamshedpur Court Justice: झामुमो नेता उपेंद्र सिंह हत्याकांड में दो आरोपी दोषी करार, जमशेदपुर कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सात आरोपियों को किया बरी

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Published : Aug 7, 2023, 6:59 PM IST

जमशेदपुर कोर्ट ने झामुमो नेता उपेंद्र सिंह हत्याकांड में कुल सात आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. वहीं हत्याकांड में दो आरोपियों को दोषी करार दिया है. सजा के बिंदु पर अदालत 14 अगस्त को अपना फैसला सुनाएगी.

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Jamshedpur Court Convicts Two Murder Accused

जमशेदपुर: ट्रांसपोर्टर सह झामुमो नेता उपेंद्र सिंह हत्याकांड में जमशेदपुर कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में जेल में बंद गैंगस्टर अखिलेश सिंह समेत सात आरोपियों को बरी कर दिया है, जबकि दो आरोपियों को हत्या का दोषी पाया है. जिसमें सोनू सिंह और बिनोद सिंह शामिल है. कोर्ट 14 अगस्त 2023 को दोनों आरोपियों को सजा सुनाएगी. सोमवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम संजय कुमार उपाध्याय की अदालत में मामले में सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए हत्याकांड में फरार हरीश सिंह को जल्द गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है. कोर्ट से बरी होने वाले आरोपियों में अखिलेश सिंह, संजय सिंह, बलबीर सिंह, पंकज सिंह, अजय यादव, अविनाश श्रीवास्तव और जसबीर सिंह शामिल हैं. वहीं गैंगस्टर अखिलेश सिंह को बरी करने का निर्णय शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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जानिए क्या है पूरा मामलाःबताते चलें कि जमशेदपुर न्यायालय के बार भवन में 30 नवंबर 2016 को दिनदहाड़े अपराधियों ने जमशेदपुर के बागबेड़ा निवासी ट्रांसपोर्टर सह झामुमो नेता उपेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना के वक्त उपेंद्र सिंह जमशेदपुर न्यायालय परिसर स्थित बार भवन के पहली मंजिल में अधिवक्ता से मिलने गए थे. उसी दौरान पूर्व से घात लगाए बैठे अपराधियों ने उनपर ताबड़तोड़ गोली चला दी. इस दौरान बार भवन में अफरा-तफरी मच गई थी. घटना को अंजाम देकर भागने के दौरान सोनू सिंह और बिनोद सिंह को पुलिस और वहां मौजूद लोगों ने पकड़ लिया था और उनकी जमकर धुनाई की थी, जबकि कुछ अपराधी भागने में सफल रहे थे. इधर, पकड़े गए अपराधियों के पास से पुलिस ने पिस्टल और गोली बरामद की थी. घटना के बाद तत्काल उपेंद्र सिंह को टीएमएच अस्पताल ले जाया गया था. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. जिसके बाद उपेंद्र सिंह के समर्थकों ने अस्पताल में जमकर बवाल किया था. घटना के बाद पूरा अस्पताल और बार भवन पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था और पुलिस ने शहर को सील कर गहन जांच शुरू कर दी थी. मामले में तत्कालीन एसएसपी अनूप टी मैथयु ने मामले में संज्ञान लिया था और खुद कार्रवाई शुरू कर दी थी. जिसके तहत न्यायलय में ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों पर भी कार्रवाई की गई थी.

21 लोगों की गवाही के बाद कोर्ट ने सुनाया फैसलाः बता दें की झामुमो नेता उपेंद्र सिंह वर्ष 2014 विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा की सीट पर झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी. इधर, पूर्व में जमशेदपुर के तत्कालीन एसएसपी अखिलेश झा के कार्यकाल में वर्ष 2013 जुलाई माह में शाम के वक्त मानगो बस स्टैंड मे उपेंद्र सिंह पर हमला हुआ था. उस दौरान एनकाउंटर में अपराधी मारे गए थे. जिसमें उपेंद्र सिंह ने अखिलेश सिंह पर हमला कराने का आरोप लगाया था. जिसके बाद अखिलेश सिंह और उपेंद्र सिंह के बीच वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई थी. इधर, वर्ष 2016 मे उपेंद्र सिंह की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या मामले में कार्रवाई शुरू हुई. जिसमें पांच अगस्त को जमशेदपुर न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश प्रथम संजय कुमार उपाध्याय की अदालत में कुल 21 लोगों की गवाही के बाद दो आरोपी को दोषी करार दिया गया है. इस दौरान अखिलेश सिंह और अन्य आरोपियों की वीडिओ कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई. अब 14 अगस्त को न्यायालय हत्याकांड के इस मामले मे दोषियों को सजा सुनाएगी.

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