जमशेदपुर: जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को हराने वाले विधायक सरयू राय ने साफ तौर पर कहा है कि वो किसी भी हालात में बीजेपी का दामन नहीं थामेंगे, साथ ही उन्होंने ये भी जानकारी दी है कि बीजेपी के अलावे भी वो किसी अन्य पार्टी में भी शामिल नहीं होंगे.
सरयू राय ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि वो निर्दलीय चुनाव लड़े हैं और निदर्लीय रहकर ही जनता की सेवा करेंगे. उन्होंने बताया कि जनता की समस्याओं के समाधान के लिए विश्वसनीय लोगों की टीम बनाकर एक संगठन जरूर खड़ा करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारे साथ कई व्यक्ति हैं उन सभी लोगों का एक समूह बने, ताकि एक विश्वसनीय टीम बन सके और वह टीम शासक तक जनता की समस्या को पहुंचा कर उनका समाधान करवा सके. सरयू राय ने अमित शाह से बाचतीत को लेकर बताया की अमित शाह कि ओर से उनके पास कोई फोन नहीं आया है, ना ही कोई इसमें सच्चाई है यह सिर्फ अफवाह है.
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हेमंत ने मंत्रिमंडल के लिए नहीं दिया है ऑफर
वहीं उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर कहा कि इस प्रकार की बातों में कोई सच्चाई नहीं है, लेकिन सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे और गुण-दोष के आधार पर सरकार का समर्थन या विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि उनका पहला और आखिरी मुद्दा यहां के 86 बस्तियों को मालिकाना हक दिलवाना है और यहां के उद्योगों के प्रबंधन और यूनियन के बीच बढ़ रही दूरी को कम करने की पहल करना है, ताकि यहां के मजदूरों को न्याय मिल सके.
उन्होंने कहा कि अमित शाह की ओर से उनके पास कोई फोन नहीं आया है ना ही कोई इसमें सच्चाई है यह सिर्फ अफवाह है।
Body:वहीं भारतीय जनता पार्टी के जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे किसी भी सूरत में भारतीय जनता पार्टी में अब नहीं जाएंगे। क्योंकि जनता ने मुझे निर्दलीय चुना है वे निर्दलीय ही रह कर जनता की सेवा करेंगे ।उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वे जमशेदपुर में एक छोटा संगठन जरूर बनाएंगे ।जिस संगठन में नीचे से ऊपर तक जिम्मेदार पदाधिकारी या लोग बैठे हैं ।ताकि जनता की जमीनी स्तर की समस्या की समाधान हो सके । : इसलिए छोटा संगठन होना जरूरी है ।क्योंकि बिना संगठन के व्यक्तियों के आधार पर चला नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे साथ कई व्यक्ति हैं उन सभी लोगों का एक समूह बने। ताकि एक विश्वसनीय टीम बन सके और वह टीम शासक प्रशासक तक जनता की समस्या को पहुंचा कर उनकी समाधान करवा सके।
Conclusion: हेमंत ने मंत्रिमंडल के लिए नहीं दिया है ऑफर
वहीं उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होने के जवान ने कहा कि इस प्रकार की बातों में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि वह हेमंत सोरेन सरकार के साथ नहीं रह के पदस्थ रहने का फैसला लिया है। और गुण दोष के आधार पर सरकार का समर्थन करेंगे। सरयू ने साफ तौर पर कह दिया है कि हेमंत सोने के द्वारा मंत्रिमंडल से संबंधित हमें कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है ना ही इसमें कोई सच्चाई है।
वही विधानसभा चालू होने पर उन्होंने कहा कि उनका पहला और आखरी मुद्दा यहां के 86 बस्तियों को मालिकाना हक दिलवाना है और यहां के उद्योगों के प्रबंधन और यूनियन के बीच बढ़ रही दूरी को कम करने की पहल करना है ताकि यहां के मजदूरों को न्याय मिल सके। : यह मेरी पहली प्राथमिकता है.