दुमका: सावन में कांवरियों का जनसैलाब बाबा नगरी देवघर और फौजदारी मंदिर बाबा बासुकीनाथ धाम में देखते ही बनता है. कहते हैं बाबा भोले पर सावन महीने में गंगा जल चढ़ाने की परंपरा भगवान राम ने रावण पर विजय पाने के लिए की थी. उन्होंने पैदल यात्रा कर सुलतानगंज से बाबा मंदिर में जल चढ़ाया था. यही कारण है कि यहां सुलतानगंज से लाए गंगाजल चढ़ाने की परंपरा की शुरुआत हुई थी.
बासुकीनाथ शिवगंगा में महाआरती, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
सावन में फौजदारी बाबा के दर पर आने वाले लाखों श्रद्धालु भक्ति के रंग में रंगे होते हैं. उनके इस माहौल को और भक्तिमय बनाने में प्रशासन भी अपनी तरफ से कोई कसर नहीं रखता. इसी माहौल को और रंगीन बनाने के लिए सावन की अंतिम सोमवारी के अवसर पर बासुकीनाथ स्थित शिवगंगा में महाआरती का आयोजन किया गया.
एक की पूजा बिना दूजे का भी फल नहीं
मान्यता है कि बाबाधाम और फौजदारी बाबा बासुकिनाथ एक-दुसरे से इस कदर जुड़े हैं कि एक की पूजा किए बिना दूसरे का भी फल नहीं मिलता. यही कारण है कि जो भी भक्त बाबाधाम आते हैं, बासुकीनाथ जरूर जाते हैं. प्रशासन भी केवल देवघर के लिए ही नहीं बल्कि बासुकिनाथ धाम तक के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था रखती है.
बासुकीनाथ शिवगंगा में महाआरती का आयोजन
इसलिए इस विश्व सुप्रसिद्द सावन मेले की अंतिम सोमवारी के अवसर पर बासुकीनाथ स्थित शिवगंगा में देवघर शिवगंगा की तर्ज पर महाआरती का आयोजन किया गया. जिला प्रशासन और पंडाधर्मरक्षिणी सभा के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस आरती में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा आरती का आनंद लिया.