दुमका: बिहार के पटना का रहने वाला 20 वर्षीय मेघन. दुमका में सत्तू का व्यवसाय कर रहा है. वो भी जुगाड़ टेक्नोलॉजी से. व्यवसाय का तरीका भी एकदम अलग हटके है. मेघन डोर टू डोर लोगों को सर्विस उपलब्ध करा रहा है. इस व्यवसाय में उसका सहयोगी उसकी तकनीक युक्त बाइक है. जिसके सहयोग से तुरंत लोगों की डिमांड पूरी हो जाती है. लोगों के सामने चना को पीस कर सत्तू दे रहा है. ग्राहकों को ताजा सत्तू मिलने से इसकी मांग भी बढ़ गई है. उसका ये अंदाज लोगों को खूब पंसद आ रहा है.
Dumka: लोगों को भा रही मेघन की जुगाड़ टेक्नोलॉजी! कुछ इस अंदाज में कर रहा सत्तू का व्यवसाय
मेघन दुमका में जुगाड़ टेक्नोलॉजी से सत्तू का व्यवसाय कर रहा है. उसका ये अंदाज लोगों को खूब भा रहा है. इस व्यवसाय से मेघन प्रति माह 30 से 40 हजार रुपये कमा रहा है.
30 से 40 हजार की हर महीने आमदनी:मेघन रोजगार की तलाश में दुमका आया और जुगाड़ टेक्नोलॉजी अपना कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहा है. उसने अपनी बाइक पर ही सत्तू की चक्की सेट कर ली है. मेघन चना भूजा की बोरी और चक्की बाइक पर लेकर सड़कों पर निकल जाता है. जहां ग्राहक मिला वहीं चक्की चालू कर सत्तू पीसकर बेचने लग जाता है. प्रतिदिन 50 से 60 किलोग्राम सत्तू बेच लेता है. जिससे 30 से 40 हज़ार रुपये की आमदनी प्राप्त हो रही है.
पढ़ाई केवल छठी कक्षा तक: मेघन कुमार बताता है कि वह पटना के खुसरूपुर का रहने वाला है. घर की परिस्थितियों की वजह से मात्र छठी कक्षा तक पढ़ाई कर सका. आत्मनिर्भर बनने के लिए उसने यह जुगाड़ टेक्नोलॉजी अपनाया. और अपनी मोपेड बाईक में सत्तू की चक्की और एक पोर्टेबल जेनसेट लगा ली. इसमें लगभग डेढ़ लाख रुपये की लागत लगी. वह पटना से घूमते-घूमते दुमका आ गया था.
ग्राहकों की लगी रहती है भीड़: मेघन के यहां सत्तू लेने वालों की भीड़ लगी रहती है. वह जहां खड़ा होता है ग्राहकों की लाइन लग जाती है. लोगों का कहना है कि बाजार में जो सत्तू मिलता है उसमें काफी मिलावट होता है. मेघन का चना बेहतर क्वालिटी का है. नजर के सामने शुद्ध और ताजा सत्तू देता है. लोग इसके टेक्नोलॉजी के कायल हो गए हैं. मेघन उन लोगों के लिए एक उदाहरण है जो इस उधेड़बुन में फंस कर रह जाते हैं. जो सोचते है मेरे पास कम पूंजी है. कम संसाधन है. क्या व्यवसाय करें? अगर मन में कुछ करने की ठान ले तो रास्ता खुद व खुद निकल जाता है. मेघन अपने काम से ये साबित कर दिया.