दुमका: सदर प्रखंड में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कैलाशपति पातर के द्वारा सरकारी विद्यालय के बच्चों को मिलने वाले पोषाहार में गबन करने का मामला सामने आया है. इस बाबत सदर प्रखंड के बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा के द्वारा नगर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है.
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क्या है पूरा मामला: जिला प्रशासन को यह सूचना प्राप्त हुई थी कि दुमका सदर प्रखंड परिसर में स्थित मिडडे मील के गोदाम में काफी मात्रा में खाद्यान्न (चावल) पड़ा हुआ है. इस खाद्यान्न के उठाव के लिए गोदाम प्रभारी कैलाशपति पातर जो दुमका सदर के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी (BEEO) हैं, उन्हें निर्देशित किया गया कि एजेंसी के माध्यम से विद्यालय में खाद्यान्न की आपूर्ति करा दें, लेकिन बीईईओ द्वारा न तो इसका वितरण कराया गया और न ही यह सूचना दी गई कि एमडीएम गोदाम में कुल कितनी मात्रा में खाद्यान्न अवशेष के तौर पर पड़ा हुआ है. यह मामला सामने आने के बाद एक प्रखंडस्तरीय जांच टीम गठित की गई. इस टीम ने गोदाम का सदर का भौतिक सत्यापन बीईईओ की मौजूदगी में किया गया.
जांच में निकली गड़बड़ी: मिडडे मील गोदाम की जब जांच की गई तो कुल 528 क्विंटल खाद्यान्न पाया गया. एमडीएम गोदाम प्रभारी सह प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कैलाशपति पातर द्वारा जांच टीम को जो वितरण पंजी उपलब्ध कराई गई थी. उसका जब मिलान किया गया तो कुल 101 क्विंटल खाद्यान्न की मात्रा गोदाम में कम पाया गया. इतना ही नहीं उक्त बीईईओ के कार्यालय के वितरण पंजी की भी जांच करने पर पंजी में छेड़छाड़ और ओवरराइटिंग पाई गई.
सदर प्रखंड के बीडीओ ने दर्ज कराई प्राथमिकी: दुमका सदर प्रखंड के वीडियो राजेश कुमार सिन्हा ने जानकारी दी कि हमने इस गड़बड़ी को लेकर उक्त प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को दो बार स्पष्टीकरण दिया और तथ्यों को स्पष्ट करने का अवसर दिया परंतु उनके द्वारा इस संबंध में कोई तथ्य प्रस्तुत नहीं किया गया. इससे यह स्पष्ट हो गया कि एमडीएम गोदाम प्रभारी ने जानबूझकर वितरण पंजी में छेड़छाड़ और ओवरराइटिंग कर वितरण कार्य में भारी और अनियमितता करते हुए 101 क्विंटल खाद्यान्न का गबन किया है. इस गबन को लेकर मेरे द्वारा नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. साथ ही साथ हमने दुमका के जिला शिक्षा अधीक्षक से यह अनुरोध किया है कि आप उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करें.