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धनबाद में भू-धंसान: स्कूल के पास 20 फीट नीचे धंस गई जमीन, लोगों में दहशत

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Published : Dec 21, 2021, 3:45 PM IST

Updated : Dec 21, 2021, 9:39 PM IST

धनबाद में भू-धंसान से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया है. कुहका प्राथमिक विद्यालय के पास अचानक जमीन नीचे धंस गई. धनबाद में अवैध खनन के कारण इस तरह की घटना अक्सर होती रहती है.

Landslide in Dhanbad
Landslide in Dhanbad

धनबाद: निरसा थाना क्षेत्र के कुहका प्राथमिक विद्यालय के समीप अवैध उत्खनन के कारण धनबाद में भू-धंसान की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. यहां करीब 50 फीट के क्षेत्रफल में 20 फीट जमीन नीचे धंस गई है. बीते 2 माह के अंदर लगातार 3 बार से अधिक धनबाद में भू-धंसान की घटना घट चुकी है. घटनास्थल से महज कुछ ही दूरी पर प्राथमिक विद्यालय भी है. ग्रामीणों के लिए आवागमन का मुख्य मार्ग घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर है.

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निरसा में जमीन धंसी, लोगों में दहशत

निरसा में जमीन धंसने के बाद स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र के आसपास हो रहे अवैध कोयला उत्खनन के कारण इस तरह की घटनाएं घट रही है. हाल ही के दिनों में कोयला तस्करों द्वारा अवैध उत्खनन का कार्य करने से लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं. जबकि कुछ दिन पूर्व ही निरसा पुलिस एवं ईसीएल प्रबंधन द्वारा एमपीएल के फ्लाईऐश से अवैध खनन क्षेत्रों की भराई की गई थी. लगातार हो रही भू-धंसान से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है. ग्रमीणों ने कहा कि इसकी शिकायत पुलिस से लेकर प्रशासन के उच्च अधिकारियों तक की गई है.

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22 अप्रैल 2021 को कुहंका नीचे टोला स्थित नया प्राथमिक विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र के बीच मैदान का 10 से 12 फीट का हिस्सा जोरदार आवाज के साथ जमींदोज हो गया था. जमीन लगभग 15 फीट नीचे धंस गई थी. निरसा पुलिस व ईसीएल प्रबंधन के सहयोग से गोफ स्थल की भराई की गई थी.

गोपालपुर गांव के किनारे स्थित खुदिया नदी के समीप अवैध मुहाना बनाकर कोयला चोर कोयला उत्खनन का काम वर्षों से करते आ रहे हैं. अचानक नीचे कुहंका स्थित एनपीएस व आंगनबाड़ी केंद्र के बीच मैदान का लगभग 10 से 12 फीट का हिस्सा धंस गया था. ग्रामीणों ने उस वक्त भी आरोप लगाया था कि अवैध उत्खनन स्थल भू-धंसान स्थल से लगभग आधा किलोमीटर दूर नदी के उस पार गोपालपुर गांव के समीप है. अवैध कोयला कारोबारी खदान को नदी के नीचे-नीचे कोयला काटते हुए कुहंका की ओर चले आते हैं.

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भू-धंसान की घटना खुदिया नदी में भी घटित हुई है क्योंकि नदी का पानी काफी गंदा हो गया था. यदि समय रहते अवैध उत्खनन स्थलों पर कार्रवाई नहीं की गई तो उनका गांव कभी भी जमींदोज हो सकता है. इस बात को लेकर कुहंका गांव के ग्रामीणों में आक्रोश है. नीचे ईसीएल की वैध खदान, ऊपर अवैध खदान ईसीएल का हरियाजाम कोलियरी का वैध खदान है. दूसरी तरफ खुदिया नदी के किनारे कोयला तस्कर अवैध मुहाना बनाकर अवैध उत्खनन का काम करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अवैध उत्खनन से उनके गांव को खतरा हो रहा है.

अवैध खनन को लेकर पुलिस ने कार्रवाई भी की थी. पुलिस ने 15 अप्रैल को कोयला तस्करी के मामले में कुहंका निवासी प्रदीप महतो व अज्ञात 15 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की थी. 19 अप्रैल की रात्रि छापेमारी में कुहंका निवासी प्रदीप महतो, पिठाकियारी निवासी विश्वजीत पांडे उर्फ विशु पांडे, गोविदपुर थाना क्षेत्र के जंगलपुर निवासी मंजूर आलम व अज्ञात 20 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की थी. पुलिस द्वारा ईसीएल के माध्यम से उक्त स्थान पर अवैध उत्खनन स्थल की भराई भी करवाई गई थी.

खुदिया नदी के किनारे कई अवैध उत्खनन स्थल

खुदिया नदी के किनारे किनारे कुहंका से लेकर मुगमा तक लगभग 8 किलोमीटर के दायरे में सैकड़ों अवैध उत्खनन स्थल मौजूद है. जहां से कोयला तस्कर कोयले का उत्खनन कर उसे साइकिल, मोटरसाइकिल एवं स्कूटर के माध्यम से क्षेत्र में संचालित विभिन्न भट्ठों एवं नदी घाटों के माध्यम से जामताड़ा व पश्चिम बंगाल भिजवा देते हैं. नदी किनारे 15 फीट गड्ढा खोदते ही कोयला मिल जाता है. नदी के किनारे जंगल व झाड़ी रहने का फायदा भी कोयला चोरों को मिलता है. इस कारण कोयला चोर खुदिया नदी व पुसोई नदी किनारे अवैध मुहाने बनाकर कोयले का उत्खनन करना ज्यादा मुनासिब समझते हैं.

Last Updated :Dec 21, 2021, 9:39 PM IST

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