झारखंड

jharkhand

धनबाद: मनरेगा में भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई, कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष व पंचायत सेवक निलंबित

By

Published : Aug 12, 2020, 6:29 PM IST

कोयलांचल धनबाद के गोविंदपुर प्रखंड में मनरेगा में भ्रष्टाचार को लेकर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. मामले में झारखंड राज मनरेगा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिरुद्ध पांडेय व पंचायत सेवक को भी निलंबित कर दिया गया.

भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई
भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई

धनबाद: कोयलांचल धनबाद के गोविंदपुर प्रखंड में मनरेगा में जबरदस्त भ्रष्टाचार हुआ है, जिसके चलते पूरे जिले में सिर्फ गोविंदपुर प्रखंड में अब तक जिले की सबसे बड़ी कार्रवाई देखने को मिल रही है. बीते सोमवार को ही झारखंड राज मनरेगा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिरुद्ध पांडेय के साथ-साथ पंचायत सेवक को भी निलंबित कर दिया गया था.

भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई,

एक मुखिया का वित्तीय अधिकार वापस लेने का अनुमोदन किया गया था. वहीं फिर से इसी मामले में कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष को बर्खास्त कर दिया गया है और एक मुखिया का वित्तीय अधिकार वापस लेने का अनुमोदन किया गया है.

बता दें कि गोविंदपुर प्रखंड में मनरेगा के कार्यों में जबरदस्त गड़बड़झाला हुआ है, जिसको लेकर अब झारखंड सरकार और जिला प्रशासन कार्रवाई के मूड में दिख रही है और लगातार कार्रवाई देखने को मिली भी रही है, जिसको लेकर आज मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष मुकेश राम ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अगर भ्रष्टाचार हुआ है तो सिर्फ इसके लिए रोजगार सेवक ही दोषी नहीं है.

उन्होंने कहा की रोजगार सेवक की तीसरी आंख नहीं होती और सुपर विजन और पर्यवेक्षण का काम सिर्फ रोजगार सेवक का नहीं है. उसमें प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, पंचायत सेवक, BDO, JE, AE सभी शामिल होते हैं ऐसे में अगर कार्रवाई होती है तो सिर्फ रोजगार सेवक पर क्यों हो रही है.

उन्होंने कहा कि रोजगार सेवक को सिर्फ बलि का बकरा बनाया जा रहा है जबकि इसमें सभी अधिकारी शामिल होते हैं रोजगार सेवक तो आज तक संविदा कर्मी के तौर पर काम कर रहे हैं जबकि सभी सरकारी कर्मी ही इसमें शामिल हैं.

यह भी पढ़ेंःझारखंडः अगले सत्र से प्रदेश में लागू होगा नई शिक्षा नीति पर आधारित पाठ्यक्रम, अधिसूचना जारी

उन्होंने कहा कि सरकार बदले की भावना से कार्य कर रही है क्योंकि 27 जुलाई से ही मनरेगा कर्मचारी हड़ताल पर चल रहे हैं और इसी कारण यह कार्रवाई हो रही है, ताकि हड़ताल छोड़कर सभी मनरेगा कर्मचारी वापस काम पर लौट जाएं

लेकिन यह होने वाला नहीं है. इस मामले में ईटीवी भारत के द्वारा पूछे जाने पर कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष ने कोई भी बात करने से मना किया था, लेकिन आज उन्हें बर्खास्त किए जाने के बाद खुद मीडिया के सामने आए हैं.

कार्रवाई से एक बात स्पष्ट हो गई है कि भ्रष्टाचार में अब लोग एक दूसरे पर भी आरोप मढ़ रहे हैं. अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details