धनबादः जिला के बस्ताकोला स्थित जीवन संस्था में रह रहे कोडरमा के दिव्यांग युवक की मौत के बाद संस्था के निदेशक अनिल कुमार सिंह और एसएनएमएमसीएच के अधीक्षक अरुण कुमार बर्णवाल आमने सामने हैं. वहीं दिव्यांग मौत मामले की जांच को लेकर डीसी ने आदेश दिए (DC orders inquiry on death of disabled youth in Dhanbad) हैं.
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क्या है विवादः दिव्यांग युवक की मौत के बाद उसके शरीर पर गहरे जख्म को लेकर संस्था के निदेशक ने अस्पताल में शव को चूहों द्वारा कुतरने की बात कह रहे हैं. वहीं अधीक्षक अरुण कुमार बर्णवाल अधीक्षक के आरोप को खारिज करते हुए शरीर पर जो गहरे जख्म है, वह मारपीट के जख्म बता रहे हैं. वहीं युवक की मौत पर धनबाद डीसी संदीप सिंह ने जांच के निर्देश दिए हैं. रविवार को अभिषेक की हुई मौत के बाद सामाजिक कार्यकर्ता अंकित राजगढ़िया द्वारा मामले को लेकर सीडब्ल्यूसी को जानकारी दी गई थी. जीवन संस्था की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए अभिषेक के साथ मारपीट करने का गंभीर आरोप अंकित ने लगाया था. अंकित अब भी वही बात कह रहे है कि युवक के साथ मारपीट की गई है.
संस्था के निदेशक की दलीलः जीवन संस्था के निदेशक अनिल सिंह कहना है कि बच्चे के साथ किसी तरह की कोई मारपीट की घटना को अंजाम नहीं दिया गया, उसे मिर्गी बीमारी थी, दौरा पड़ने पर वह अनबैलेंस होकर गिर गया था. जिसकी वजह से जख्मी हुआ फिर उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर (Disabled youth death in Jeevan institution Dhanbad) दिया. उन्होंने बताया कि उसके पांव पर जो जख्म के निशान पाए गए उसे अस्पताल परिसर में चूहों ने कुतर डाला था. क्योंकि मोर्चरी में उसके शव को नहीं रखा गया था, अगर अस्पताल में शव को मर्चरी में रखा जाता तो ऐसी नौबत नहीं आती. वहीं संस्था के निदेशक ने कहा कि सीडब्ल्यूसी को मामले को लेकर सूचना फोन के माध्यम से देने की कोशिश की थी. लेकिन किसी कॉल नहीं उठाया, ऐसे भी सीडब्ल्यूसी कुछ करती नहीं वह जिम्मेदारी उन्हीं पर सौंप देते हैं. इसलिये वह सब जानते हैं इसलिये जो उचित था वह उन्होंने किया.
शरीर के जख्म पर क्या बोले एसएनएमएमसीएच अधीक्षकः इस मामले को लेकर एसएनएमएमसीएच अधीक्षक डॉ अरुण कुमार बर्णवाल ने चूहों द्वारा युवक के शव को कुतरे जाने संबंधित बयान का खंडन किया. उन्होंने बताया कि उसके शरीर पर जो जख्म के निशान हैं वह मारपीट के हैं. उन्होंने बताया कि उनके यहां फिलहाल मर्चरी में दो शव को रखने की व्यवस्था है. अगर तीसरी बॉडी आती है तो इससे थोड़ी परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि शरीर के ऊपर जो जख्म हैं वह चूहों द्वारा कुतरने के नहीं बल्कि पिटाई के हैं.
डीसी ने दिए जांच के आदेशः इस मामले में धनबाद डीसी संदीप सिंह ने मामले को लेकिन बताया कि जीवन संस्था में दिव्यांग की संदेहास्पद मामले को लेकर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी और सीडब्ल्यूसी को जांच कर रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है. जिला प्रशासन मामले को लेकर संवेदनशील है. जीवन संस्था में 13 दिव्यांग बच्चे जो CWC के हैं, उन्हें अन्यत्र शिफ्ट करने की कोशिश जारी है. पूर्व में भी उक्त संस्था पर FIR हुआ है, जल्द ही मामले में जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.