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BUDGET 2023: एक्सपर्ट की राय में केंद्रीय बजट से आम लोगों को हुआ फायदा, अब झारखंड के बजट पर लोगों की नजर

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Published : Feb 23, 2023, 6:22 PM IST

झारखंड सरकार अपना बजट 3 मार्च को पेश करेगी. इससे पहले केंद्रीय बजट संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश कर चुकी हैं. केंद्रीय बजट के बारे में झारखंड के मशहूर सीए ने अपनी राय रखी और इसे 2023 का अमृत बजट बताया.

opinion on Union Budget 2023
अनिल मुकीम

अनिल मुकीम से बात करते संवाददाता नरेंद्र

धनबाद:झारखंड सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए तीन मार्च को सदन में बजट पेश करेंगे. इस बार सरकार वार्षिक बजट का आकार बढ़ाने की तैयारी में है. इस बार झारखंड के बजट में रोड कनेक्टिविटी, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और ग्रामीण विकास पर भी जोर दिए जाने की बात कही जा रही है. इसके साथ ही झारखंड सरकार लंबित योजनाओं के संचालन की तैयारी भी कर रही है. इससे पहले आई केंद्रीय बजट के बारे में लोगों की मिली जुटी प्रतिक्रिया रही. धनबाद के मशहूर सीए अनिल मुकीम ने इसे एक ऐसा बजट बताया है जो आने वाले समय में भारत की तस्वीर बदल देगा.

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अनिल मुकीम ने इस बजट को साल 2023 का अमृत बजट बताया है जो अगले 25 सालों के कार्यों देखते हुए तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि जब हम शताब्दी वर्ष में पहुंचेंगे तब सभी लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा. अनिल मुकीमन ने कहा कि निम्न वर्ग, माध्यम वर्ग और उच्च वर्ग को ध्यान में रखते हुए इस बजट को बनाया गया है. इसमें इनकम डिक्लियरेशन की पुरानी स्कीम चलती थी, जिसे ओल्ड डिक्लियरेशन कहते हैं. पिछली बार भी नई रिजाइम आयी थी, लेकिन किसी कारणवश वह आगे नहीं बढ़ सकी. उसे बढ़ाने के लिए पांच लाख रुपए इनकम से बढ़ाकर सात लाख रुपए कर दिया गया. निम्न वर्ग और माध्यम वर्ग के लोगों के लिए सात लाख तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना पड़ेगा. सैलरी वाले लोगों को भी साढ़े सात लाख तक एक रुपया भी टैक्स नही देना पड़ेगा. सैलरी पीपुल्स में लोगों को आगे बढ़ाने के लिए जो लिव इन्केशमेंट 3 लाख था, उसे बढ़ाकर 20 लाख रुपए किये गए हैं.ट

अनिल मुकीम ने कहा कि सेक्शन 54 और 54 एफ इसके तहत अगर कोई प्रॉपर्टी सेल करता है तो उससे जो कैपिटल गेन होता है, उस गेन में पहले कैपिटल गेन टैक्स फ्री हो जाता था. इसे सरकार के द्वारा सीमित कर दिया गया है. सरकार ने अब इसपर 10 करोड़ की सीमा तय कर दी है. कोई भी अमीर आदमी सरकार का टैक्स ना रख ले, इसलिए इस पर भी सरकार ने टैक्स लगाया है. इसके साथ ही कॉपरेटिव सेक्टर में बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कदम बढ़ाया है. देश मे जो टैक्स की उच्चतम दर थी 30 फीसदी उसे घटाकर 15 फीसदी कर दिया गया है. ऑनलाइन गेम्स में 30 फीसदी टैक्स लगाया है.

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