रांचीः झारखंड के सिमडेगा जिला में चोरी की बरामद चांदी मामले की जांच कर रही एसआईटी ने कई बड़े खुलासे किए हैं. सिमडेगा पुलिस के जिन पुलिसकर्मियों पर बरामद चांदी के गायब करने का आरोप लगा था उनकी निशानदेही पर एक तालाब के किनारे से 15 किलो चांदी भी बरामद किया गया है.
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निलंबित थानेदार की निशानदेही पर बरामद किया गया चांदी
पुलिस मुख्यालय की ओर से बनायी गई एसआईटी के अधिकारियों के मुताबिक सिमडेगा में बांसजारी ओपी के निलंबित प्रभारी आशीष कुमार की निशानदेही पर पुलिस ने सिमडेगा में एक नदी के किनारे से 10 किलो चांदी बरामद किया. निलंबित ओपी प्रभारी ने अपने आवास पर छापेमारी के डर से 10 अक्टूबर को चांदी की खेप सिमडेगा में एक नदी में फेंक दिया था. गोताखोरों की मदद से एसआईटी ने चांदी की खेप बरामद की है.
वीरमित्रापुर में चालक की निशानदेही पर पांच किलो चांदी बरामद
इस मामले में संदेह के घेरे में आए पुलिस चालक शाहिद से पूछताछ की गई. पूछताछ में शाहिद ने पांच किलो चांदी वीरमित्रापुर में छिपाकर रखने की बात बतायी. जिसके बाद पुलिस की टीम ने वीरमित्रापुर से पांच किलो चांदी बरामद की. पूरे मामले में पुलिस की टीम को तकरीबन 900 ग्राम सोना और चांदी की दूसरी बड़ी खेप की तलाश है.
हालांकि 15 किलोग्राम चांदी पुलिसकर्मियों के पास से बरामदगी से स्पष्ट है कि चोरी की चांदी को पुलिसकर्मियों ने अपने लाभ के लिए खपा दिया था, इसके बाद कम बरामदगी दिखायी गई थी. इस मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी.
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क्या है पूरा मामला
6 अक्टूबर को पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान 38 किलो चांदी के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया था. जब्त चांदी की कीमत 25 लाख रुपये बतायी गई थी. चांदी बरामद होने के बाद चेकिंग में शामिल पुलिसकर्मियों को सम्मानित भी किया गया था. लेकिन अब इसी मामले में चेकिंग में शामिल पुलिसकर्मियों पर 55 लाख के दूसरे जेवरात को गायब करने का आरोप लग रहा है.
खबर के मुताबिक सिमडेगा में पकड़े गए चांदी के साथ छत्तीसगढ़ के रायपुर के नक्कार ज्वेलर्स से 80 लाख रुपये के गहनों की चोरी हुई थी. रायपुर पुलिस के अनुसार सिमडेगा के बांसजोर में बरामद चांदी के जेवर उसी चोरी का हिस्सा है. रायपुर पुलिस के मुताबिक करीब 80 लाख रुपये के जेवरात की चोरी हुई थी, जिसमें से सिर्फ 25 लाख रुपये की ही बरामदगी दिखाई गई. इस मामले में रायपुर पुलिस ने सिमडेगा पुलिस पर 55 लाख के रुपये के जेवरात का गोलमाल करने का आरोप लगाया है.
पूरे मामले में जब रायपुर पुलिस ने इस मामले की शिकायत आला अधिकारियों को दी, तब जानकारी मिली की सिमडेगा पुलिस के अफसरों ने बाकि जेवरात खुद ही चुरा रखा है. मामला संज्ञान में आने के बाद डीआईजी पंकज कंबोज को मुख्यालय ने जांच का जिम्मा दिया था. वहीं सिमडेगा पुलिस की एसआईडी अलग से जांच कर रही है.