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Naxal in Jharkhand: झारखंड में नक्सलियों ने 10 सालों में किए कई बड़े हमले, 2021 की तुलना में 2020 में नहीं आई कोई खास कमी

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Published : Sep 28, 2021, 9:18 PM IST

झारखंड में नक्सली बड़ी चिंता का विषय हैं. झारखंड के 16 जिले नक्सलियों में नक्सलियों का प्रभाव है. जबकि 8 जिले ऐसे हैं जिसे केंद्र सरकार अतिनक्सलवाद प्रभावित मानती है. पिछले 10 सालों की बात करें तो इस दौरान नक्सलियों ने कई बड़े हमले किए हैं. हालांकि पिछले कुछ सालों में नक्सलियों का प्रभाव कम हुआ है. लेकिन 2020 से तुलना की जाए तो 2021 में नक्सली हमले में कुछ खास कमी नहीं आई है.

naxal incident in jharkhand
naxal incident in jharkhand

रांची: झारखंड के नक्सल प्रभावित जिले लातेहार में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में झारखंड जगुआर के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार शहीद हो गए. नक्सलियों की गोली से गंभीर रूप से घायल डिप्टी कमांडेंट को हेलीकॉप्टर से रांची लाया गया लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. झारखंड में नक्सली घटनाओं की बात करें तो 2020 के मुकाबले 2021 में झारखंड में नक्सली हमलों में कुछ खास कमी नहीं आई है.

झारखंड में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ कोई नहीं बात नहीं है. राज्य के 16 जिलों में माओवादियों का प्रभाव है. जबकि आठ जिले नक्सलियों की सक्रियता के लिहाज से अति नक्सल प्रभाव श्रेणी में आते हैं. 2020 में 12 माह के दौरान नक्सलियों ने 121 वारदातों को अंजाम दिया था. इन हमलों में एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया जबकि 27 आम आदमी मारे गए. इन 121 घटनाओं में पुलिस पर चार हमले शामिल हैं. जबकि 2021 में अब तक नक्सली और उग्रवादी लगभग 60 घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं.

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पिछले 10 साल में बड़े नक्सली वारदातों की बात करें, तो वे कुछ इस तरह से हैं.

04.03.21: पश्चिमी सिंहभूम जिले में आईईडी के फटने से झारखंड पुलिस के तीन जवान शहीद हो गए और सीआरपीएफ का एक जवान समेत दो अन्य घायल हो गए.

30.10.2020: झारखंड के लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र में एक नक्सली हमले में, चार सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया.

24.11.2019: झारखंड के लातेहार जिले के चंदवा पुलिस थाना क्षेत्र में एक नक्सली हमले में चार सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया.

28.05.2019: सरायकेला में माओवादियों द्वारा किए गए विस्फोट में 11 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए.

27.06.2018: झारखंड जगुआर पुलिस के छह जवान गढ़वा जिले में माओवादियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद हो गए.

27.01.2016 : पलामू जिले में सात पुलिसकर्मी शहीद हो गए.

02.07.2013: झारखंड के दुमका में नक्सलियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में एक पुलिस अधीक्षक सहित छह पुलिसकर्मी शहीद.

21.01.2012 : गढ़वा जिले के बड़िगंवा के जंगलों के पास नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में भंडारिया थाने के प्रभारी अधिकारी समेत 13 पुलिसकर्मी शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए.

03.12.2011: लातेहार जिले में माओवादियों ने निर्दलीय सांसद और झारखंड विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी के काफिले पर हमला किया. सांसद इससे सुरक्षित बाहर आ गए लेकिन 11 पुलिसकर्मी शहीद हो गए जबकि एक नागरिक की मौत हो गई है.

16.07.2010: माओवादियों ने झारखंड में बारूदी सुरंग विस्फोट किया, 5 पुलिसकर्मी शहीद हो गए.

10.06.2009: झारखंड के सारंडा जंगलों में नियमित गश्त के दौरान सीआरपीएफ जवानों और अधिकारियों सहित नौ पुलिसकर्मियों पर माओवादियों ने घात लगाकर हमला किया.

16.06.2009: माओवादियों ने एक बारूदी सुरंग हमले में 11 पुलिस अधिकारी शहीद हो गए. एक अन्य हमले में झारखंड के पलामू जिले के बेहराखंड में माओवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए जबकि 2 गंभीर रूप से घायल हो गए.

01.06.2006: पश्चिमी सिंहभूम जिले में भाकपा-माओवादी कार्यकर्ताओं ने एक बारूदी सुरंग विस्फोट किया. इस हमले में 12 पुलिसकर्मी शहीद हो गए.

07.04.2004: नक्सलियों ने बारूदी सुरंग विस्फोटों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया जिसमें 26 पुलिसकर्मी शहीद हो गए.

20.12.2002: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया जिसमें अठारह पुलिसकर्मी शहीद हो गए. जबकि 20 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.

08.05.2002: कोडरमा जिले में प्रतिबंधित माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर (एमसीसी) और पीपुल्स वार ग्रुप (पीडब्ल्यूजी) के नक्सलियों ने गश्ती वैन को उड़ा दिया, जिसमें 14 पुलिसकर्मी शहीद हो गए जबकि 10 घायल हो गए.

04.02.2002: झारखंड के चतरा जिले के जोरीघाट में नक्सलियों ने कम्युनिस्ट सेंटर पर घात लगाकर हमला किया इसमें करीब आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए.

19.12.2001: पश्चिम सिंहभूम जिले के बिटकिलसोया घात लगाकर किए गए हमले में 19 पुलिसकर्मी शहीद हो गए.

31.10.2001: झारखंड सैन्य पुलिस (जेएमपी) के 12 कांस्टेबल शहीद हो गए, जबकि चार गंभीर रूप से घायल हो गए.

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