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आरयू समेत प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में एंट्रेंस टेस्ट लेकर नामांकन लेना होगा कठिन, करने पड़ेंगे कई बदलाव

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Published : Jun 16, 2022, 5:16 PM IST

Updated : Jun 16, 2022, 5:37 PM IST

difficult to take admission by taking entrance test in universities

रांची विश्वविद्यालय सहित झारखंड के अन्य यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रवेश परीक्षा को लिया जाना है. हालांकि फिलहाल झारखंड के विश्वविद्यालय इसके लिए तैयार नहीं है.

रांची:यूजीसी ने यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रवेश परीक्षा को अनिवार्य बनाने का फैसला लिया है. इसे लेकर झारखंड के विश्वविद्यालयों को भी दिशा निर्देश दिए गए हैं. हालांकि, फिलहाल रांची विश्वविद्यालय इस प्रक्रिया को लागू करने के की स्थिति में नहीं है. एंट्रेंस टेस्ट लिए जाने के लिए विश्वविद्यालय को अपने सिलेबस में भी कई बदलाव करने पड़ेंगे.

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नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा व्यवस्था पर कई बदलाव देखने को मिलेंगे. विश्वविद्यालयों में कई नए कोर्स शुरू हो रहे हैं. वहीं, पुराने कोर्स के पैटर्न बदले जा रहे हैं ताकि उच्च शिक्षा की दिशा में एक बड़ा बदलाव कर शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके. इसी कड़ी में यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों में नामांकन के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (CUET) को अनिवार्य करने का फैसला लिया है.

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13 अलग-अलग भाषाओं में परीक्षार्थी एंट्रेंस टेस्ट दे सकते हैं. इसका भी प्रावधान किया गया है. विद्यार्थियों को कई विकल्प दिए जाएंगे. यूजीसी के इस फैसले के तहत राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों के साथ-साथ प्राइवेट और डीम्ड विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट कोर्स की प्रवेश प्रक्रिया के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा का उपयोग शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बेहतर साबित होगा.

यूजीसी की ओर से रांची विश्वविद्यालय को भी दिशा में निर्देश मिले हैं. हालांकि रांची विश्वविद्यालय प्रबंधन को इस दिशा में कदम बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय के सिलेबस के साथ-साथ एकेडमिक गतिविधियों में भी कई बदलाव करने पड़ेंगे. मामले को लेकर विश्वविद्यालय की कुलपति कामिनी कुमार ने कहा कि रांची विश्वविद्यालय सबसे पुराना विश्वविद्यालय है और यहां अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी पड़ते हैं. उन विद्यार्थियों को सबसे पहले एंट्रेंस टेस्ट देने के लिए तैयार करना होगा. सिलेबस और सेशन संबंधित पढ़ाई में सामान्यता रखनी होगी. तब जाकर एंट्रेंस लेकर उनका नामांकन विश्वविद्यालयों में किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को इस संबंध में जागरूक करना होगा. तब जाकर यूजीसी की योजना इस प्रदेश में सफल हो पाएगी.

Last Updated :Jun 16, 2022, 5:37 PM IST

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