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मां काली के दरबार में सीएम हेमंत सोरेनः माथा टेककर प्रदेश की खुशहाली की मांगी दुआ

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Published : Nov 5, 2021, 9:05 PM IST

Updated : Nov 5, 2021, 10:15 PM IST

रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मां काली की पूजा की. सीएम ने माता के दरबार में माथा टेककर प्रदेश की खुशहाली के लिए दुआ मांगी.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राजधानी के लालपुर स्थित कॉस्मॉस क्लब पूजा पंडाल में मां काली की पूजा अर्चना की. मां काली के आगे शीष झुकाकर सीएम हेमंत ने राज्य की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की.

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राज्य में काली पूजा की धूम है. दीवाली के साथ गुरुवार रात मां काली की पूजा हुई. शुक्रवार सुबह से ही भक्तों का तांता काली पूजा पंडालों में लगा रहा. खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शुक्रवार शाम लालपुर स्थित कॉस्मॉस क्लब पूजा पंडाल में मां काली की पूजा अर्चना करने पहुंचे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने मां काली की पूजा कर राज्य की खुशहाली की कामना की.

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कॉस्मॉस क्लब पूजा पंडाल में मुख्यमंत्री ने प्रसाद ग्रहण कर पूजा समिति के सदस्यों के साथ बातचीत किया. इस दौरान मां काली के पूजन में लगे पुजारी द्वारा मुख्यमंत्री को तिलक लगाकर रक्षासूत्र धागा भी बांधा गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मां काली राज्य में खुशहाली लाए और संक्रमणकाल से राज्य की जनता को बाहर निकाले इसकी कामना करता हूं. लालपुर स्थित कॉस्मॉस क्लब में वर्षों से मां काली का पूजा पूरे भक्तिभाव से बंगाली विधि-विधान से होता आ रहा है. जिसमें दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं.

मां काली की पूजा करते सीएम हेमंत सोरेन

राजधानी में काली पूजा की धूम

देश के अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी काली पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. प. बंगाल के बाद झारखंड ही एक ऐसा राज्य है जहां बड़े पैमाने पर काली पूजा होती है. अकेले राजधानी रांची में ही हरमू मैदान, कडरू कपिलदेव स्कूल मैदान, अशोक नगर, किशोरगंज चौक, लालपुर क्लब सहित दो दर्जन से अधिक स्थानों पर काली पूजा पंडाल बनाए गए हैं, जहां मां की पूजा बड़े ही भक्तिभाव के साथ की जा रही है. मेनरोड स्थित काली मंदिर में आज सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा. यहां तांत्रिक विधि से पूजा करने की परंपरा है.

कोरोना के कारण हालांकि इस बार सरकारी गाइडलाइन के तहत ही पूजा अर्चना हो रही है. पंडालों में मूर्ति कम ऊंचाई की बनायी गई है और श्रद्धालुओं का प्रवेश सीमित रखी गई है. पूजा पंडालों के नजदीक कोई मेला इस बार नहीं लगा है. कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन निशा रात्रि में मां काली की पूजा की जाती है. रातभर होनेवाले इस पूजा के दौरान मान्यता यह है कि जो भी श्रद्धालु इसमें शामिल होते हैं उन्हें मनोवांछित फल मिलता है. तंत्र विद्या से जुड़े लोग काली पूजा के दौरान विशेष साधना कर सिद्धि प्राप्त करते हैं.

Last Updated : Nov 5, 2021, 10:15 PM IST

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