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CAG की रिपोर्ट: RIMS डेंटल कॉलेज के लिए उपकरण खरीद में भारी अनियमितता, टेंडर में डमी कंपनी का हुआ इस्तेमाल

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Published : Aug 5, 2022, 10:14 PM IST

irregularities in equipment procurement for RIMS Dental College
irregularities in equipment procurement for RIMS Dental College

झारखंड विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट (cag report in jharkhand assembly) पेश की गई. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि रिम्स के डेंटल कॉलेज (RIMS Dental College) के उपकरणों की खरीद में करोड़ों रुपए की गड़बड़ी हुई है. यही नहीं रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि उपकरणों की खरीद के लिए जारी किए गए टेंडर में डमी कंपनी का इस्तेमाल हुआ है.

रांची: रिम्स में डेंटल कॉलेज (RIMS Dental College) में हुई उपकरणों की खरीद में किस तरह से अनियमितता बरती गई है इस पर झारखंड के प्रधान महालेखाकार (Jharkhand CAG) ने भी सवाल खड़ा किया है, विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान 04 अगस्त को सौंपी गई एजी की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि विभिन्न प्रकार के उपकरणों की खरीद में करोड़ों रुपए की गड़बड़ी का ब्यौरा दिया गया है, जिसमें यह कहा गया है कि डेंटल उपकरणों की खरीद में जो टेंडर किया गया उसमें भी डमी कंपनियों का इस्तेमाल किया गया.

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विधानसभा में पेश किए गए सीएजी की रिपोर्ट (CAG Repor) में यह कहा गया है कि रिम्स डेंटल डेंटल कॉलेज (RIMS Dental College)) के लिए उपकरण खरीद के लिए जो निविदा निकाली गई उसमें भारी वित्तीय गड़बड़ी हुई है (Huge irregularities in equipment procurement for RIMS Dental College). टेंडर में शामिल मेसर्स श्रीनाथ और मेसर्स डीके नाम की कंपनियों का नियंत्रण एक ही व्यक्ति के पास है और तो और निर्माता का प्राधिकरण पत्र या तो फर्जी था या उसमें हेरफेर किया गया था. रिपोर्ट में यह भी है कि जानबूझ कर मेसर्स डीके हमेशा टेंडर में मेसर्स श्रीनाथ से ज्यादा रेट कोट किया जाता था, ताकि मेसर्स श्रीनाथ को निविदा मिल जाये.

विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएजी की रिपोर्ट (CAG Repor) में यह बताया गया है कि टेंडर में मेसर्स श्रीनाथ का दर, मेसर्स डीके से भले ही कम हो परंतु वह बाजार दर से काफी अधिक था. सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री से इसके लिए स्पष्टीकरण पूछा गया था लेकिन एक ही एजेंसी ने जवाब दिया. आदेश के बावजूद खरीद की जांच नहीं की गई और बड़ी रकम पेमेंट कर दी गई. इतना ही नहीं रिम्स ने बिना विभागीय मंत्री के अनुशंसा के 11.4 करोड़ रुपये के उपकरण खरीद का आदेश दिया और बिना आपूर्ति किये भुगतान भी कर दिया.

इसके अलावा विधानसभा को सौंपी रिपोर्ट में दो अन्य मामले की जानकारी दी गयी है, जिसमें राज्य के व्यापारियों द्वारा वास्तविक आंकड़ा छिपाने का जिक्र करते हुए कहा गया है कि 39 लोगों ने अपने व्यापार का सही लेखा जोखा नहीं दिया है. इन व्यापारियों ने करीब 3271 करोड़ रुपये का हिसाब छिपाया है, जिससे सरकार को 812 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ. विधानसभा के मानसून सत्र में पेश की गई रिपोर्ट को महालेखाकार द्वारा 08 अगस्त 2022 को शाम 04 बजे मीडिया के माध्यम से राज्य के समक्ष रखा जाएगा, उससे पहले विधानसभा की पटल पर रखी रिपोर्ट की जो जानकारी सूत्रों से मिल रही है वह रिम्स के डेंटल इंस्टिट्यूट में हुई बड़े घोटाले की ओर इशारा करता है.

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