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झारखंड की 4 हस्तियों को मिला पद्म सम्मान, जानिए इनको

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Published : Mar 12, 2019, 8:43 AM IST

देश में पद्म पुरस्कारों के लिए चयनित 112 हस्तियों में से 56 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सम्मानित किया. पद्म सम्मान पाने वाले 56 शख्सियतों में से चार झारखंड के हैं.

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रांची: देश में पद्म पुरस्कारों के लिए चयनित 112 हस्तियों में से 56 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सम्मानित किया. पद्म सम्मान पाने वाले 56 शख्सियतों में से चार झारखंड के हैं. इन चार में सांसद कड़िया मुंडा, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जमुना टुडू और बुलु इमाम को पद्म सम्मान मिला है.

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सांसद कड़िया मुंडा
खूंटी से आठ बार से सांसद कड़िया मुंडा को सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मभूषण से सम्मानित किया. सांसद कड़िया मुंडा को जनसेवा के लिए पद्म भूषण सम्मान दिया गया. इससे न सिर्फ खूंटी जिला बल्कि पूरा झारखंड राज्य अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा है. खूंटी की जनता इस गरिमामयी सम्मान के लिए महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के प्रति आभार व्यक्त किया है. खूंटी से आठ बार सांसद रहे कड़िया मुंडा तीन बार केंद्र में मंत्री और एक बार लोकसभा उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. इसी के साथ वे झारखंड के पहले राजनेता बन गए जिन्हें यह सम्मान मिला है.


लेडी टार्जन के नाम से मशहूर जमुना टुडू
जंगलों को बचाने के लिए कई सालों से जमुना टुडू अभियान चला रही हैं. जिसके लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा है. जमुना टुडू ने इसके लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया. लेडी टार्जन के नाम से मशहूर जमुना टुडू ने कहा कि ये पद्म श्री उनके साथ जंगल बचाने में जुटी महिलाओं के कारण उन्हें मिल पाया है. उन्होंने कहा कि इसकी हकदार जितनी वो है, उससे कई ज्यादा उनकी टीम की हर एक सदस्य हैं. साथ ही बताया कि जंगल बचाना उनका सपना था और उस सपने को सही करने में वह सफल रहीं. इसके लिए उन्हें गांव से महिलाओं का साथ मिला जो आज तक जारी है.


गरीबों का डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी
केंद्र सरकार ने इस साल कई ऐसे लोगों को पद्म पुरस्कार दिए हैं जो साइलेंट हीरो बनकर अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में नि:स्वार्थ सेवा करने के लिए रांची के चिकित्सक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया है. मरीजों के लिए भगवान का रूप डॉ. मुखर्जी 1957 से अपने लालपुर की पैथ लैब में बैठ रहे हैं. यहां से होने वाली कमाई के जरिए ही वह मरीजों को पांच रुपए में दवाएं दे पाते हैं. मुखर्जी अब गरीबों के डॉक्टर के नाम से जाने जाने लगे हैं.


बुलु इमाम
राष्ट्रपति भवन में सोमवार की सुबह हजारीबाग के जाने-माने शख्सियत बुलु इमाम को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया. सांस्कृतिक क्षेत्र में सराहनीय काम के लिए हजारीबाग के बुलु इमाम को पद्मश्री अवार्ड दिया गया. जीवन के इस बेहद खास पल के दौरान उनकी पत्नी फिलोमिना तिर्की, बेटे गुस्ताफ इमाम आदि मौजूद रहे. इस खास मौके पर बुलु इमाम ने कहा कि यह मेरे जीवन का सबसे सुखद क्षण है. मेरे समाज के प्रति जिम्मेदारी और बढ़ गई है. पर्यावरण संरक्षण को लेकर मैं अब और काम करूंगा.

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