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Martyr Pramod Negi: प्रमोद नेगी की शहादत पर शिलाई की आंखें नम, फोन पर हुई आखिरी बात को याद कर बेसुध हो रही मां

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Published : May 6, 2023, 2:10 PM IST

Updated : May 6, 2023, 5:30 PM IST

जम्मू कश्मीर के राजौरी में शहीद हुए 5 जवानों में से दो जवान हिमाचल प्रदेश के सिरमौर और कांगड़ा जिले से थे. सिरमौर जिले के शिलाई से संबंध रखने वाले प्रमोद नेगी के पिता को बेटे की शहादत पर गर्व है तो मां फोन पर हुई आखिरी बात का जिक्र करते हुए बार-बार बेसुध हो जाती है.

Martyr Pramod Negi
Martyr Pramod Negi

प्रमोद नेगी की शहादत पर शिलाई की आंखें नम

सिरमौर: शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए प्रमोद नेगी के घर में मातम पसरा है. पूरा गांव की आंखें प्रमोद नेगी की शहादत पर नम हैं लेकिन गर्व है कि गांव के सपूत ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है. परिवार से लेकर गांव तक को अब अपने शहीद बेटे की पार्थिव देह का इंतजार है. कहा जा रहा है कि शनिवार शाम तक शहीद प्रमोद नेगी का पार्थिव शरीर शिलाई में उनके पैतृक गांव पहुंचेगा. जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. शहीद को आखिरी सलाम देने के लिए गांव ही नहीं आस-पास के कई गांवों के लोग प्रमोद नेगी के घर पहुंच रहे हैं.

शहीद प्रमोद नेगी के माता-पिता

5 जवान हुए थे शहीद- गौरतलब है कि शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान हुए एक आईईडी ब्लास्ट में 5 जवान शहीद हो गए थे. शहीदों में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के प्रमोद नेगी और कांगड़ा जिले के अरविंद कुमार शामिल हैं. दोनों शहीदों के परिवार अपने बेटों की पार्थिव देह का इंतजार कर रहे हैं.

शहीद प्रमोद नेगी के परिवार में मातम

सिरमौर जिले के रहने वाले प्रमोद नेगी स्पेशल फोर्सेस में थे. पांवटा साहिब और शिलाई के पूर्व सैनिक संगठन के सचिव नरेंद्र थुंडू ने बताया कि उनके शानदार करियर की बदौलत वो दो साल से स्पेशल फोर्सेस में अपनी सेवाएं दे रहे थे. उन्होंने बताया कि एक पैराट्रूपर्स के रूप में प्रमोद नेगी को उनकी बेहतरीन क्षमताओं के कारण 'रेड कैप' से सम्मानित किया गया था.

बेटे की शहादत पर गर्व- प्रमोद नेगी के पिता देविंदर सिंह नेगी की आंखों से आंसू रुक नहीं रहे लेकिन लड़खड़ाती हुई जुबान पर बेटे की शहादत का गर्व है. वो बताते हैं कि उनका दूसरा बेटा भी आर्मी मे हैं. प्रमोद की मां तारा देवी भी रोते-रोते बेटे की हिम्मत की दाद देती है. बताती हैं कि जब करियर चुनने की बात आई तो उससे पूछा गया था कि "तेर दोनों मामा टीचर हैं तो तू क्यों आर्मी में जाना चाहता है" मां के सवाल पर प्रमोद ने देश लिए आर्मी ज्वाइन करने की बात कही थी और आज उस देश के लिए अपने प्राण भी न्योछावर कर दिए हैं. मां बताती है कि दो दिन पहले ही प्रमोद से बात हुई थी तो उसने कहा कि मेरी चिंता मत किया करो, अपना ख्याल रखो. 10 दिन तक बात नहीं हो पाएगी क्योंकि फोन बंद रहेगा. उसके बाद शुक्रवार को बेटे की शहादत की खबर आ गई.

शहीद प्रमोद नेगी के घर पर जुटे ग्रामीण

परिवार ही नहीं गांव को भी अपने सपूत पर गर्व है. पूरा गांव प्रमोद के घर पर जमा है. ग्रामीण बहादुर सिंह कहते हैं कि प्रमोद ने पूरे गांव का सिर ऊंचा किया है. रिश्ते में प्रमोद के चाचा लायक राम कहते हैं कि "प्रमोद अब कभी नहीं लौटेगा, इस बात का दुख तो है लेकिन सर्वोच्च बलिदान देकर इस सपूत ने गांव को गर्व करने का मौका दिया है. गांव का बेटा देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए शहीद हुआ है, भगवान ऐसे बेटे हर घर में पैदा करे". ग्रामीण कहते हैं कि माता-पिता को उम्रभर का दुख तो मिला है लेकिन शहादत का गर्व भी उम्रभर रहेगा.

आज शाम पहुंचेगी पार्थिव देह- शहीद प्रमोद के परिवार और गांव को उनके पार्थिव शरीर का इंतजार है. बताया जा रहा है कि देहरादून के रास्ते प्रमोद नेगी का पार्थिव शरीर पांवटा साहिब और फिर देर शाम उनके गांव शिलाई पहुंचाया जाएगा. प्रमोद 2017 में 9 पैरा रेजीमेंट में भर्ती हुए और पिछले दो सालों से भारत की सुरक्षा करने वाली स्पेशल फोर्स (SF) में सेवाएं दे रहे थे.

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Last Updated : May 6, 2023, 5:30 PM IST

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