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शिक्षा निदेशालय के बाहर छात्र अभिभावक मंच का प्रदर्शन, कहा: रोकी जाए निजी स्कूलों की मनमानी

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Published : Jul 24, 2020, 3:18 PM IST

निजी स्कूलों के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच ने शुक्रवार को शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. निजी स्कूल सरकार के नियमों को ताक पक रखकर अभिभावकों से ट्यूशन फीस वसूल रहे हैं.

Student Parents Forum protested against private school
निजी स्कूलों के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच

शिमला: निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच की ओर से शुरू किया गया आंदोलन तीव्र होता जा रहा है. मंच निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर अपना आंदोलन कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी निजी स्कूल अपनी मनमानी से बाज नाम नहीं आ रहा है.

निजी स्कूल सरकार के नियमों को ताक पक रखकर अभिभावकों से ट्यूशन फीस वसूल रहे हैं. शिक्षा विभाग इन पर कार्रवाई करने में असफल साबित हो रहा है. अगर अभिभावक फीस नहीं दे रहे हैं, तो निजी स्कूल छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं से बाहर निकाल रहे हैं. यही वजह हैं कि छात्र अभिभावक मंच भी बार- बार शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

शुक्रवार को भी छात्र अभिभावक मंच की ओर से शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया और सरकार और शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. छात्र अभिभावक मंच ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा को सौंपा. अपने ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने यह मांग उठाई की संजौला का एक निजी स्कूल लगातार अपनी मनमानी कर रहा है.

अभिभावकों का आरोप है कि उक्त स्कूल ने उनसे पहले ही पूरी फीस ले ली है और अब फीस को वापिस करने के साथ ही उसे एडजस्ट करने से भी स्कूल प्रबंधन मना कर रहा है. वहीं जो अभिभावक फीस नहीं दे रहे हैं, उनके बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं से बाहर निकाला जा रहा हैं.

ऐसे भी अभिभावकों ने शिक्षा निदेशक के समक्ष यह मांग रखी कि वह इस तरह की निजी स्कूलों के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाएं ताकि इन निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लग सके. इसके साथ ही उन्होंने प्ले स्कूलों का मामला भी शिक्षा निदेशक के समक्ष उठाया, जहां बच्चा पढ़ाई करने के लिए नहीं जाता है, लेकिन उसके बावजूद भी यह प्ले स्कूल अभिभावकों से कोरोना के संकट में भी 15 से 20 हजार रुपये ट्यूशन फीस वसूल रहे हैं.

छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने सभी अभिभावकों की समस्या को शिक्षा निदेशक के समक्ष रखते हुए कहा कि बार-बार उन्हें इस संकट के समय में शिक्षा निदेशालय में आकर प्रदर्शन करना अच्छा नहीं लग रहा है, लेकिन शिक्षा निदेशालय की तरफ से किसी भी तरह की सख्ती निजी स्कूलों पर नहीं बरती जा रही है. वहीं, निदेशक उच्च शिक्षा की ओर से अभिभावकों को यह आश्वासन दिया गया कि वह मनमानी करने वाले निजी स्कूलों पर कार्यवाही अमल में लाएंगे.

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने अभिभावकों से आग्रह किया कि अब जब प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, तो वह इस तरह से एक साथ एकत्र होकर निदेशालय ना आए. उन्होंने कहा कि इस बार कोविड के संकट को देखते हुए शिक्षा विभाग और सरकार की ओर से निजी स्कूलों पर लगाम कसी गई है और आदेश जारी किए गए हैं कि वह सिर्फ ट्यूशन फीस ही अभिभावकों से वसूले.

वहीं, प्ले स्कूलों को लेकर डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि प्ले स्कूल शिक्षा विभाग के दायरे में नहीं आते हैं, लेकिन इन स्कूलों को यह अनुमति नहीं दी जाती कि वह अभिभावकों से ट्यूशन फीस वसूल करें.

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