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कोरोना संकट: वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में विपक्ष पहुंचा राजभवन, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

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Published : Apr 19, 2020, 8:23 PM IST

कोरोना वायरस को लेकर देश भर में लॉक डाउन किया हुआ है। ऐसे में देश के विभिन्न राज्यों में हिमाचल के लोग फंसे हुए है. राज्य के बाहर और प्रदेश के जगह-जगह फंसे लोगों को उनके घर जाने की अनुमति देने की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में विपक्षी दल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को राजभवन में राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय से मिला.

Opposition meets Governor at Raj Bhavan
वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में विपक्ष पहुंचा राजभवन

शिमला: कोरोना वायरस को लेकर देश भर में लॉक डाउन किया हुआ है. ऐसे में देश के विभिन्न राज्यों में हिमाचल के लोग फंसे हुए हैं. राज्य के बाहर और प्रदेश के जगह-जगह फंसे लोगों को उनके घर जाने की अनुमति देने की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में विपक्षी दल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को राजभवन में राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय से मिला. प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा और कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए राज्य में प्राथमिकता के आधार कई आवश्यक कदम उठाने जाए चाहिए. ऐसे में विपक्ष ने राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग करते हुए मामले को सरकार से उठाने को आग्राह किया.

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि देश के विभिन्न राज्यों में हजारों हिमाचली फंसे हुए हैं, जिन्हें वापस लाने के लिए तत्काल उचित कदम उठाने चाहिए. जब राजस्थान के कोटा से उत्तर प्रदेश सरकार अपने छात्रों को वापस ले जा सकती है तो प्रदेश सरकार को भी इस दिशा में कदम उठाने चाहिए.

वीडियो रिपोर्ट

राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह सुझावों को सरकार के ध्यान में लाएंगे. राज्यपाल ने कांग्रेस विधायकों से आग्रह किया कि वह लॉकडाउन में 20 अप्रैल से दी जाने वाली रियायतों को देखते हुए लोगों को सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए और सरकार के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए जागरूक करें. प्रतिनिधिमंडल में विधायक हर्षवर्धन चौहान, कर्नल धनी राम शांडिल, विनय कुमार, नंद लाल, मोहन लाल ब्राक्टा और विक्रमादित्य शामिल थे.

प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि प्रदेश में कोराना योद्धाओं के लिए कोरान रिलिफ पैकेज की घोषणा होनी चाहिए. अगर कोई अप्रिय घटना घटित है, तो प्रभावित परिवार को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि दिए जाने के साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जानी चाहिए.

ये सुझाव भी दिए

कांग्रेस विधायकों ने ज्ञापन के माध्यम से कई सुझाव दिए है. उन्होंने कहा कि हर विभाग के बजट में 10 से 15 रुपये की कटौती कर हैल्थ डिपार्टमैंट को दिया जाए. बिजली पानी और टेलीफोन के बिल माफ होने चाहिए. गेहूं की फसल को पंजाब लेने से मना कर रहा है, ऐसे में सरकार खरीदे. प्रदेश के उद्योग को बचाने के प्रयास होने चाहिए. फार्मा हब को चरण बद्ध तरीके तरीके से चलाया जाए. पशुपालन, बागवानी और कृषि क्षेत्र के लिए उचित रणनीति तैयार हो ताकि किसी को आर्थिक नुकसान न उठाने पड़े.

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