हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

नशा मुक्ति केंद्र खोलने की सरकारी नीयत हाईकोर्ट ने उठाए सवाल, अदालत ने तलब की ताजा स्टेट्स रिपोर्ट

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 20, 2023, 8:52 PM IST

Himachal High Court: हिमाचस सरकार के नशा मुक्ति केंद्र खोलने की नीयत पर हाई कोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं. मामले में कोर्ट ने सरकार से ताजा स्टेट्स रिपोर्ट तलब की है. पढ़िए पूरी खबर.

Himachal High Court
नशा मुक्ति केंद्र खोलने की सरकारी नीयत हाईकोर्ट ने उठाए सवाल

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की नशा मुक्ति केंद्र खोलने की नीयत पर सवाल उठाए हैं. इस संदर्भ में हाईकोर्ट में चल रहे मामले में राज्य सरकार ने अदालत से नशा मुक्ति केंद्र खोलने के लिए बड़े पैमाने पर जमीन की जरूरत बताते हुए अतिरिक्त समय मांगा है. अदालत ने सरकारी नीयत पर सवाल उठाते हुए राज्य सरकार से ताजा स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने चिंता जताई कि हिमाचल के युवाओं में नशाखोरी बढ़ रही है. खंडपीठ ने कहा कि राज्य सरकार से आशा की जाती है कि वो नशा मुक्ति से जुड़े अभियानों में तेजी लाए.

अदालत ने राज्य सरकार से ये उम्मीद की है कि वो नशे के खिलाफ अभियान में नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना करे, लेकिन राज्य सरकार का इसके लिए बड़े पैमाने पर भूमि की तलाश करने पर अड़ना उसकी उदासीनता को जाहिर करता है. हाईकोर्ट ने इस केस में जिला किन्नौर, लाहौल-स्पीति और बिलासपुर के नशा मुक्ति केंद्रों से जुड़ी स्टेट्स रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद राज्य सरकार को ताजा रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है.

इसके साथ ही हाई कोर्ट ने सरकार को पॉजिटिव एप्रोच अपनाने को कहा है. अदालत ने वित्तीय तंगी के कारण नशा मुक्ति केंद्रों की दयनीय स्थिति से जुड़े मामले में सरकार से पूछा था कि जहां एनजीओ संचालित केंद्र नहीं हैं, वहां क्या कदम उठाए जा रहे हैं? कोर्ट ने स्टेट्स रिपोर्ट के माध्यम से यह बताने को भी कहा था कि नशा पीड़ितों को जिलावार सरकारी अस्पतालों में कितने बिस्तर उपलब्ध हैं. इस मामले में हाईकोर्ट ने सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव व निदेशक को भी प्रतिवादी बनाया है.

इस मामले में मीडिया में आई खबरों में बताया गया है कि हिमाचल को नशा मुक्त राज्य बनाने के सरकारी दावों के बीच नशा पुनर्वास केंद्र दयनीय हालत में है. नशामुक्ति केंद्र कुल्लू (महिलाओं के लिए)धर्मशाला, चंबा, मंडी, सिरमौर, बिलासपुर और सोलन में अनुदान दिए जाने के बावजूद शुरू नहीं हुए हैं. वर्ष 2019 में शिमला में शुरू किया गया 15 बेड का नशा मुक्ति केंद्र बंद होने की कगार पर है. यहां विगत चार साल से केंद्र से अनुदान राशि नहीं मिली है. वेतन नहीं मिलने के कारण यहां के कर्मचारियों को भी छुट्टी पर जाना पड़ा है.

शिमला का केंद्र किराए के भवन में होने के कारण किराया, बिजली, पानी, टेलीफोन और इंटरनेट शुल्क का भुगतान नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा, पीड़ितों को दवा और भोजन उपलब्ध कराना मुश्किल हो गया है. ओपीडी और आईपीडी की सुविधा भी बंद कर दी गई है. राज्य में शिमला, कुल्लू, ऊना व हमीरपुर में 60 बिस्तरों की कुल क्षमता के साथ चार नशा मुक्ति केंद्र हैं. फिलहाल, हाईकोर्ट ने मामले की आगामी सुनवाई 9 जनवरी को तय की है.

ये भी पढ़ें:भाजपा ने वापस ली डिप्टी सीएम की नियुक्ति को खारिज करने की मांग, सीपीएस मामले में जारी रहेगी सुनवाई

ABOUT THE AUTHOR

...view details