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Himachal News: 1 अक्टूबर से आपदा जागरूकता अभियान, स्कूलों में होगी मॉकड्रिल, बेस्ट आपदा प्रबंधन योजना को मिलेगा आवार्ड

हिमाचल प्रदेश में समर्थ कार्यक्रम के जरिए लोगों को आपदा के बारे में जागरूक किया जाएगा. 1 से 15 अक्टूबर तक यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. जबकि 13 अक्टूबर को स्कूलों में इससे लेकर मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी. (Disaster Awareness Campaign in Himachal)

Himachal Pradesh State Disaster Management Authority
हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 18, 2023, 2:06 PM IST

शिमला: हिमाचल में आई आपदा से प्रदेश में हजारों करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ है. प्रदेश में लैंडस्लाइड, बाढ़ ने भारी क्षति पहुंचाई है. शिमला में अब आपदा से निपटने के लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बैठक की. जिसमें यह फैसला लिया गया कि इस साल समर्थ कार्यक्रम 1 से 15 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा. अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर स्कूलों में 13 अक्टूबर को मॉक ड्रिल करवाई जाएगी.

समर्थ कार्यक्रम के तहत राज्य स्तर पर प्रदर्शनियों, कार्यशालाओं के अलावा जिला स्तर पर नुक्कड़ नाटक, मेमोरी वॉक सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी. वहीं, 13 अक्टूबर को स्कूलों में आपदा से निपटने के लिए मॉक ड्रिल करवाई जाएगी. हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता ने बताया कि आपदा में ग्रामीण स्तर पर लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. इसके लिए 2 अक्टूबर को आयोजित होने वाली ग्राम सभा में मानसून संबंधित आपदा से निपटने की जानकारी दी जाएगी. लैंडस्लाइड, भूकंप, आग आदि जैसे खतरों से निपटने के लिए विचार-विमर्श किया जाएगा.

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता ने कहा कि समर्थ-2023 के तहत स्कूलों में 13 अक्टूबर को सुबह 11 बजे लैंडस्लाइड, भूकंप, आगजनी, फ्लैश फ्लड जैसे खतरों से निपटने के लिए मॉक ड्रिल करवाई जाएगी. इसके अलावा 01 से 09 अक्टूबर तक आपदा जागरूकता संबंधी स्लोगन राइटिंग, क्विज, पेंटिंग और पोस्टर मेकिंग कंपटीशन आयोजित होंगे.

इन प्रतियोगिताओं के अलावा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर 12 से 14 अक्टूबर तक प्रदर्शनी का आयोजन भी कराया. प्रदर्शनी में प्राधिकरण की विभिन्न इनोवेशन, सूचना, एजुकेशन एंड कम्युनिकेशन एक्टिविटी, रेस्क्यू इक्विपमेंट और आपदा प्रबंधन से संबंधित आधुनिक तकनीक का प्रदर्शन किया जाएगा. इस कार्यक्रम के दौरान सीपीआर टेक्नीक, फायर इस्टींगयुइश के उपयोग, विभिन्न जीवन रक्षक तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी.

प्रवक्ता ने बताया कि प्राधिकरण ने स्कूलों में स्कूल आपदा प्रबंधन योजनाएं तैयार करने के लिए स्कूल सेफ्टी मोबाइल ऐप भी डेवलप किया है. मोबाइल ऐप का उद्देश्य मॉक ड्रिल के संचालन समेत स्कूल स्तर पर आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी गतिविधियों के दस्तावेज तैयार करना और कमियों की पहचान करना है. इसके अलावा कमियों में सुधार की संभावनाओं को बताना भी इसका मुख्य उद्देश्य है. स्कूल सेफ्टी मोबाइल ऐप एंड्राइड और आईओएस दोनों प्लेटफार्मों पर उपलब्ध है.

प्रवक्ता ने बताया कि स्कूल आपदा प्रबंधन योजना तैयार करने में भागीदारी और एक्सीलेंस को प्रोत्साहित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्कूल आपदा प्रबंधन योजना को नकद पुरस्कार दिए जाएंगे. इसके तहत टॉप एंट्री को 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार मिलेगा. जबकि अगली 3 बेस्ट एंट्री में सबको 50,000 रुपये और नेक्स 6 बेस्ट एंट्री में सबको 30,000 रुपये नकद पुरस्कार दिया जाएगा. शैक्षणिक संस्थानों द्वारा इस पुरस्कार राशि का उपयोग स्कूलों के मौजूदा आपदा प्रबंधन ढांचे को मजबूत करने के लिए किया जाएगा. विजेताओं को शिमला में 12 अक्टूबर को पुरस्कार दिए जाएंगे. प्राधिकरण द्वारा सिर्फ 30 सितंबर तक स्कूलों द्वारा तैयार की गई आपदा प्रबंधन योजनाओं को पुरस्कार के लिए शामिल किया जाएगा. शैक्षणिक संस्थान किसी भी प्रकार की सहायता के लिए आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ से मोबाइल नंबर 9459255230 पर संपर्क कर सकते हैं.

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