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चपरासियों के सहारे चल रहे थे बंद किए गए कार्यालय, न बजट था, न कर्मचारी: CM सुक्खू

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Published : Dec 25, 2022, 6:17 PM IST

पूर्व सरकार के समय खोले गए कार्यालयों को बंद करने के फैसले पर सीएम सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) ने कहा कि पिछली सरकार के समय जो भी कार्यालय खोले गए थे, उनमें ज्यादातर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के सहारे चल रहे थे. इतना ही नहीं कई जगह तो पीयून तक भी कार्यालय में तैनाती नहीं थे और बड़ी संख्या में संस्थान केवल एक कर्मचारी के साथ खोले गए थे.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू.

शिमला:मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) शिमला पहुंच गए हैं. रविवार को शिमला पहुंचते ही सीएम ने राज्य सचिवालय में मुख्य सचिव आरडी धीमान समेत अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में सीमेंट विवाद, भाजपा के राज्यपाल को दिए ज्ञापन, आगामी दिनों में प्रस्तावित शीत सत्र और मंत्रिमंडल विस्तार समेत कई अन्य विषयों पर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की. मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली से शिमला आने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने राज्य में मतदाताओं को लुभाने के एकमात्र उद्देश्य के साथ बिना किसी बजटीय प्रावधान और आवश्यक कर्मचारियों की भर्ती के अपने कार्यकाल के अंत में 590 से अधिक संस्थान खोले थे.

उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के लगभग छह माह के दौरान मतदाताओं को गुमराह करने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, राजस्व और अन्य संस्थानों को खोलने की हड़बड़ी की. उन्होंने कहा कि इन सभी 590 संस्थानों को क्रियाशील बनाने के लिए लगभग 3000 करोड़ रुपये की जरूरत थी. हैरानी की बात है कि राज्य भारी वित्तीय कर्ज के जाल में फंसा है. 75 हजार करोड़ और डबल इंजन की सरकार का दावा करने वाली भाजपा सरकार को अपने कार्यकाल में केंद्र सरकार से एक पैसा भी मदद नहीं मिली. पिछली भाजपा सरकार द्वारा 30 से अधिक स्वास्थ्य संस्थान खोले गए थे, जिनमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी नहीं थे और बड़ी संख्या में संस्थान केवल एक कर्मचारी के साथ खोले गए थे.

सीएम ने कहा कि यह अजीब बात है कि एसडीएम कार्यालय खुले हुए हैं और इन कार्यालयों में कोई एसडीएम तैनात नहीं है. अधिकांश संस्थानों में आस-पास के संस्थानों के कर्मचारियों को अस्थायी रूप से तैनात किया गया था, जो न केवल नए खुले कार्यालयों के लिए निरर्थक साबित हो रहा था, बल्कि पहले से मौजूद संस्थान के कामकाज में भी बाधा उत्पन्न कर रहा था. इस अवधि के दौरान खोले गए स्वास्थ्य संस्थान मानव और मशीनरी से रहित थे. राज्य सरकार पूरे मामले को लोगों के सामने उठाएगी और उन्हें पिछली भाजपा सरकार के कुकर्मों से अवगत कराएगी. (Denotification of govt institution in Himachal).

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ऐसे संस्थानों को बंद करने का निर्णय लिया है और इन सभी की समीक्षा की जाएगी और आवश्यक पाया गया तो उचित बजट प्रावधान करके खोला जाएगा. सीएम ने कहा कि वर्तमान सरकार सत्ता परिवर्तन के लिए है न कि सत्ता भोगने के लिए. सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि मांग के अनुसार और राज्य के लोगों के व्यापक हित में संस्थान खोले जाएं. वहीं, जेओए आईटी पेपर लीक मामले पर सीएम (CM Sukhu on JOA IT Paper leak case) ने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी प्रदेश में भाजपा सरकार के कार्यकाल से चल रहे पेपर घोटाले को दर्शाती है. सरकार राज्य में सीमेंट संयंत्रों से संबंधित मुद्दे के बारे में चिंतित है. पूरा मामला सीमेंट प्लांट प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स यूनियन के बीच का है और इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.

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