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कुल्लू में 30 प्रतिशत किसानों ने नहीं कराई ई-केवाईसी, जानें क्या हो सकता नुकसान

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Published : May 11, 2023, 12:47 PM IST

कुल्लू में तीस प्रतिशत किसानों ने ई-केवाईसी नहीं कराई है. अगर समय रहते उन्होंने ई-केवाईसी नहीं की तो पीएम सम्मान निधि से उन्हें वंचित होना पड़ सकता है.

thirty percent farmers did not get EKYC done
thirty percent farmers did not get EKYC done

कुल्लू: केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि योजना का लाभ हिमाचल में करीब 9 लाख से ज्यादा किसानों को मिल रहा है.अब ई-केवाईसी करवाने के बाद ही किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि की राशि जा रही है. जिला कुल्लू के अगर बात करें तो यहां पर अभी भी 19212 किसान ऐसे हैं, जिन्होंने ई-केवाईसी नहीं कराई. 70 फीसदी किसानों का टारगेट पूरा हो गया, लेकिन 30 प्रतिशत किसान ऐसे हैं जिनकी ई-केवाईसी नहीं हो पाई है.

भुंतर में संख्या कम: कुल्लू तहसील में ई-केवाईसी न करवाने वालों की संख्या सबसे अधिक है और भुंतर में यह संख्या सबसे कम है. वहीं किसानों के ई-केवाईसी नहीं कराने पर उनके खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पैसा नहीं आएगा. हालांकि प्रशासन ने ई-केवाईसी को लेकर जागरूकता दिखाई,लेकिन तीस प्रतिशत किसान अभी तक यह नहीं करा पाए.

यहां इतने किसानों ने करवाई ई- केवाईसी अपडेट:कुल्लू में 64183 सक्रिय किसान है. आनी तहसील में 10256 किसानों में से 8122 किसानों ने ही ई- केवाईसी अपडेट करवाई है. बंजार तहसील की बात करें तो यहां पर 7074 किसानों में से 4826 किसानों ने ई के-वाईसी अपडेट की है. भुंतर में 138 में से 98 किसान, कुल्लू में 28877 में 18139 किसानों ने ई -केवाईसी अपडेट करवाई है. मनाली में 4044 में 3243 किसान, निरमंड में 9575 में 7191 किसानों और सैंज में 4219 में से 3352 किसानों ने ई केवाईसी अपडेट करवाई है.

इतने किसानों ने कराई ई- केवाईसी अपडेट: एडीएम कुल्लू प्रशांत सरकैक ने बताया कि प्रशासन की ओर से भी किसानों को जागरूक किया गया है. ऐसे में जिन किसानों ने ई-केवाईसी नहीं करवाई है. वह समय पर इसे अपडेट करवा लें. उन्होंने बताया कि आनी में 2134 किसान, बंजार में 2248 किसान, भुंतर में 40, कुल्लू में 10738 किसान, मनाली में 801 किसान, निरमंड में 2384 किसान और सैंज में 867 किसानों ने ई-केवाईसी नहीं करवाई है.

ई-केवाईसी को इसलिए किया गया अनिवार्य: इस योजना का लाभ सिर्फ किसानों को दिया जाता है, लेकिन कुछ लोग फर्जी तरीके से भी स्कीम का लाभ उठाने की कोशिश करते है. फर्जी तरीके से आवेदन भरकर लोग इसका फायदा ना उठा सके, इसके लिए सभी किसानों के लिए पीएम किसान ई-केवाईसी को अनिवार्य किया गया है. ई-केवाईसी के लिए पीएम किसान की ऑफिशल वेबसाइट पर जाकर किसान को अपना आधार कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज करना पड़ता है. उसके बाद ओटीपी के माध्यम से ई-केवाईसी को अपडेट किया जाता है.

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