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हिमाचल विधानसभा चुनाव: टिकट कटने से नाराज बीजेपी नेता महेश्वर सिंह आज लेंगे महत्वपूर्ण फैसला

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Published : Oct 27, 2022, 11:55 AM IST

हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्रों की आज छंटनी प्रक्रिया चल रही है. 12 नवंबर को चुनाव होंगे और 8 दिसंबर को मतगणना है. लेकिन चुनाव से पहले हिमाचल में बागी नेता भाजपा का समीकरण बिगाड़ते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं, कुल्लू विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी महेश्वर सिंह टिकट कटने के बाद आजाद प्रत्याशी के रूप में नामांकन तो दाखिल कर ही चुके हैं. चुनाव को लेकर आज आगामी राणनीति भी तैयार करेंगे. ऐसे में आज यह तय हो जाएगा कि आखिर महेश्वर सिंह क्या फैसला लेते हैं. (Kullu assembly seat) (Independent candidate Maheshwar Singh)

maheshwar singh meeting in kullu
पूर्व सांसद व पूर्व विधायक महेश्वर सिंह.

कुल्लू: हिमाचल विधानसभा चुनाव को लेकर आज नामांकन पत्रों की छटनी प्रक्रिया जारी है, लेकिन चुनाव से पहले बागी नेताओं ने बीजेपी का खेल बिगाड़ दिया है. प्रदेश में चुनाव में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं, ऐसे में भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों दल नाराज नेताओं के बगावती तेवरों से परेशान हैं. वहीं, बीजेपी से टिकट कटने के बाद पूर्व सांसद व पूर्व विधायक महेश्वर सिंह काफी आहत हैं. टिकट कटने से महेश्वर सिंह के समर्थकों में भी काफी रोष है. पार्टी के फैसले से आहत होकर महेश्वर सिंह ने नामांकन दाखिल कर दिया है, अब आज आगामी रणनीति तैयार करेंगे. (Independent candidate Maheshwar Singh) (Maheshwar Singh) (himachal assembly election 2022)

महेश्वर सिंह ने कहा कि, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनकी बात हो गई है और अपनी पीड़ा उनके सामने रखी है. उन्होंने 27 अक्टूबर तक का समय दिया है. उसके बाद निर्णय लिया जाएगा कि क्या करना है? उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता जो कहेंगे वही होगा. 27 के बाद घर-घर जाकर लोगों को बताएंगे कि भाजपा ने उनके साथ क्या-क्या किया? उन्होंने कहा कि सिर्फ उनके परिवार को परिवारवाद में घसीटा गया है, जबकि सारे खुलासे किए जाएंगे कि कहां-कहां परिवार भाजपा में राज कर रहा है? (Rebels Leaders of bjp in kullu)

उन्होंने कहा कि बीजेपी आलाकमान से पूछा है कि क्या सुरेंद्र शौरी और गोविंद सिंह ठाकुर एक परिवार के नहीं हैं, क्या वो चाचा भतीजे नहीं. क्या अन्य नेता बाप-बेटे राजनीति में नहीं? आपको बता दें कि बीजेपी ने महेश्वर सिंह के चुनाव लड़ने पर शर्त रखी थी कि सिर्फ उनके परिवार पर कंडीशन लगाई गई थी कि वह अपने बेटे को बंजार से चुनावी मैदान से हटा दें, तभी उनको टिकट मिलेगा. उधर, बंजार से हितेश्वर सिंह चुनावी मैदान से नहीं हटे और इसका खामियाजा महेश्वर सिंह को भुगतना पड़ा.

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