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टांडा में आउटसोर्स कर्मचारियों पर गिरी गाज, 135 नर्सों के साथ सफाई कर्मचारियों की भी गई नौकरी

मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल टांडा में काम करने वाले कोविड आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है. 135 नर्सों से लेकर सफाई कर्मचारियों तक कई लोगों को सेवाओं से हटा दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

Medical College and Hospital Tanda
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा अस्पताल

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Published : Apr 3, 2023, 4:50 PM IST

टांडा मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया.

धर्मशाला/कांगड़ा: डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा अस्पताल में कार्यरत कोविड आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है. टांडा अस्पताल में कोविड के दौरान आउटसोर्स पर रखी 135 नर्सों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. छह जून 2020 को इन नर्सों को कोविड के दौरान नियुक्त किया गया था. इससे पहले भी 25 नर्सों को नौकरी से निकाल दिया गया था, फिर दो महीने बाद इन्हें कोविड के दौरान दिसंबर 2020 में फिर रख लिया गया था, लेकिन एक बार फिर से शनिवार को 135 नर्सों को नौकरी से निकाल दिया गया.

टांडा अस्पताल की इन नर्सों ने कहा कि हमें कोविड काल के समय में आउटसोर्स पर रखा गया था. वहीं, टांडा मेडिकल कॉलेज में कार्यरत नर्सों का कहना था कि इस नौकरी से हमारा घर बार चलता है. बच्चों की पढ़ाई से लेकर घर का खर्च हम इससे चलाते हैं. लेकिन आज अस्पताल प्रशासन की और से हमें बताया गया कि कल से आप लोग नहीं आएंगे और आपकी हाजिरी भी नहीं लगेगी.

वहीं, कुछ नर्सों का कहना था कि हमने शनिवार को अपनी हाजिरी लगा दी है, परंतु हमें कहा गया है कि आप कल से नहीं आएंगे हमें जहां कांट्रैक्ट पर आने की उम्मीद थी, परंतु हमें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, इसलिए हम प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से प्रार्थना करते हैं कि हमें नौकरी से न निकाला जाए और तुरंत सभी कर्मचारियों को वापस नौकरी पर रखा जाए, ताकि सभी कर्मचारी अपने घर परिवार का पालन पोषण कर सकें.

सफाई कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना काल के समय में उन्होंने बेहतर सुविधाएं दी हैं साथ ही साथ खतरे से खेलते हुए उन्होंने कोरोना काल में भी अपनी ड्यूटी दी, लेकिन उसके बावजूद अब इन सफाई कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. कई सफाई कर्मचारी तो इस नौकरी पर ही आश्रित हैं और इसी नौकरी से इनका परिवार भी चल रहा था, लेकिन अब नौकरी हाथ से चले जाने के बाद इन सफाई कर्मचारियों को डर सताने लगा है कि अब इनके घर का गुजारा कैसे होगा. कई ऐसी महिला कर्मचारी हैं जो सिर्फ टांडा मेडिकल कॉलेज में नौकरी करने के बाद ही अपने घर का गुजारा कर पाती हैं. वहीं, वार्ड बॉयज भी यही कह रहे हैं कि उनके घर का गुजारा कैसे चलेगा. सरकार से अच्छे दिनों की उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने हम पर ही गाज गिरा दी.

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