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कांगड़ा में राष्ट्रीय युवा अभियान कार्यशाला शुरू, HIV के प्रति लोगों को किया जागरूक

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Published : Jan 22, 2021, 7:53 PM IST

राष्ट्रीय युवा अभियान के तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस अभियान का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुरूदर्शन गुप्ता ने किया.

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धर्मशाला: मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में शुक्रवार को राष्ट्रीय युवा अभियान के तहत कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस अभियान का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुरूदर्शन गुप्ता के द्वारा किया गया. मुख्य अतिथि डॉ. गुरुदर्शन गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी को अपना एचआईवी का स्टेट्स पता होना चाहिए. एचआईवी के बारे में हम सब खुल कर बात करें और एचआईवी के बारे में जागरूकता फैलाएं.

डॉ. गुरूदर्शन ने बताया कि 90 प्रतिशत जनसंख्या को अपना एचआईवी स्टेटस का पता होना चाहिए. 90 प्रतिशत एचआईवी से ग्रसित लोग एआरटी (दवाईयां) प्राप्त करें. कार्यशाला के अंत में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने सभी से आहवान किया कि किसी भी आपदा से लड़ने के लिये स्वास्थ्य विभाग ही पर्याप्त नहीं है. उसके लिए जनता का सहयोग जरूरी है.

स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर शुरू हुआ युवा दिवस

इस कार्यशाला के दौरान आईसीटीसी काउंसलर प्रीत किरण ने स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर शुरू हुए युवा दिवस के आयोजन के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 12 जनवरी, 1863 को स्वामी विवेकानंद जी का जन्म हुआ था.

इस दिन को देश युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य युवा पीढ़ी को यह बताना है कि जिस तरह स्वामी विवेकानंद जी ने अपने जीवन में सफलता हासिल की ठीक उसी तरह उनके विचारों को अपनाकर युवा पीढ़ी भी सफलता हासिल करे.

एड्स के फैलने पर दी जानकारी

इस अवसर पर जिला एड्स परियोजना अधिकारी डॉ. राजेश सूद ने जानकारी देते हुए बताया कि एड्स फैलने के मुख्य चार कारण जैसे असुरक्षित यौन संबंध, एचआईवी संक्रमित खून स्वस्थ व्यक्ति में चढ़ाने से, संक्रमित मां से उसके बच्चे में और बिना सेनिटाइज हुई सुई का प्रयोग करने से होता है. एड्स साथ रहने से, साथ खाना खाने से, हाथ मिलाने से और मच्छर के काटने से नहीं होता है.

एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को सरकार देती है 1500 रुपये प्रति माह

डॉ. सूद ने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति और उनके बच्चों को सरकार द्वारा प्रदान की जा रही वित्तीय सहायता जोकि 300 से 800 रुपये प्रति माह है, उम्र के हिसाब से बच्चों को आईसीटीसी के द्वारा प्रदान की जाती है. इसके अतिरिक्त एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को 1500 रुपये प्रति माह सरकार द्वारा दिया जाता है.

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विक्रम कटोच ने इस अवसर परएचआईवी एड्स प्रभावित गर्भवती महिला की सुरक्षित प्रसव के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की. उन्होंने डिलिवरी के बाद बच्चे की देखभाल के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिला अपने होने वाले बच्चे को अपना दूध पिला सकती है ताकि बच्चे को दूसरे संक्रमण से बचाया जा सके.

बहुत जल्दी होती है एचआईवी वायरस की म्युटेशन

महिला को अपने बच्चे को सिर्फ अपना दूध पिलाना है. उसे छह महीने से पहले मां के दूध के अलावा कुछ नहीं देना है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि एचआईवी एड्स के अतिरिक्त कई ऐसे संक्रमण जैसे हेपेटाइटिस बी, सी ज्यादा खतरनाक संक्रमण हैं.

हालांकि, एचआईवी वायरस की म्युटेशन बहुत जल्दी होती है, इसलिए हमें ज्यादा सतर्क रहना पड़ता है. कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आदित्य सूद, डॉ. अनुराधा, डॉ. प्रिया और जन शिक्षा एव सम्प्रेषण अधिकारी छांगा राम ठाकुर, स्वास्थ्य शिक्षक उर्मिला देवी, यौन रोग काउंसलर मनोज कुमार और लैब टेक्नीशियन अन्तरिक्ष डोगरा ने भी कार्यक्रम में भाग लिया.

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