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तो क्या हमीरपुर में भाजपा से छिन जाएगी जिला परिषद की कुर्सी! अध्यक्ष बोली- CM पद मिलना खुशी की बात

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Published : Dec 31, 2022, 9:16 AM IST

हमीरपुर में जिला परिषद अध्यक्ष पद को लेकर कभी भी खेला हो सकता है. इस बात के संकेत शुक्रवार को हुई बैठक में मिले. राजनीतिक गलियारों में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा शुरू हो चुकी है. वहीं, दूसरी तरफ भाजपा समर्थित जिला परिषद अध्यक्ष बबली देवी ने सीएम पद जिले के मिलने पर खुशी जाहिर की है. यह इशारा कर रहा है कि कुछ तो गड़बड़ है. ( Zilla Parishad meeting in Hamirpur )

जिला परिषद की कुर्सी
जिला परिषद की कुर्सी

जिला परिषद अध्यक्ष बबली देवी

हमीरपुर: जिले में भाजपा विधानसभा चुनाव 2022 में खाता नहीं खोल पाई है ,लेकिन अब एक माह के भीतर ही पार्टी को एक बड़ा झटका लगने की चर्चाएं यहां पर शुरू हो गई है. जिला परिषद हमीरपुर की त्रैमासिक बैठक शुक्रवार को जिला परिषद हमीरपुर के सभागार में आयोजित हुई. इस बैठक में भाजपा समर्थित जिला परिषद अध्यक्ष बबली देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की सुगबुगाहट शुरु हो गई. ( Zilla Parishad meeting in Hamirpur )

मुझे कोई जानकारी नहीं:इन चर्चाओं के सामने आने के बाद बैठक संपन्न होने पर मीडिया कर्मियों ने जिला परिषद अध्यक्ष बबली देवी से इस विषय पर सवाल किया. अविश्वास प्रस्ताव पर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए बड़ी देवी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. अध्यक्ष ने यह जरूर कहा कि उन्होंने हमेशा ही पार्टी लाइन से ऊपर उठकर कार्य किया है और जिला परिषद के सभी सदस्य एक परिवार की तरह है. (No confidence motion on Hamirpur Zilla Parishad )

सीएम पद हमीरपुर के लिए गर्व: उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिले को मुख्यमंत्री का पद मिलना खुशी की बात है. पार्टी चाहे कोई भी हो जिले को सीएम का पद मिलना खुशी की बात है. उन्होंने कहा कि जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलने के लिए जाएंगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को बधाई देने के साथ ही हमीरपुर के विकास को लेकर एक प्रस्ताव भी मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा. (Hamirpur Zilla Parishad meeting)

अध्यक्ष के बयान के कई मायने: हमीरपुर में जिला परिषद की अध्यक्ष के पद के लिए लॉबिंग सियासी गलियारों में शुरू हो गई है. जिला परिषद हमीरपुर की अध्यक्ष बबली देवी का बयान भी खूब चर्चा में है उनके बयान के भी कई मायने निकाले जा रहे हैं .प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया है, कांग्रेस सरकार सत्ता में है. ऐसे में भाजपा समर्थित जिला परिषद अध्यक्ष का बयान कई सियासी नजरों से देखा जा रहा है.

कभी भी हो सकता है खेला:हमीरपुर में जिला परिषद के 18 वार्ड हैं. यहां पर अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होने के लिए 10 सदस्यों का मत महत्वपूर्ण है. जिला परिषद के गठन के वक्त भाजपा समर्थित 9 जिला परिषद सदस्यों ने जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस के 6 सदस्य जीत कर आए थे और तीन निर्दलीयों ने भी जीत हासिल की थी. जिला परिषद उपाध्यक्ष के पद पर आजाद नरेश कुमार दर्जी ने बाजी मारी थी उन्होंने कांग्रेस के 1 जिला परिषद सदस्य को अपने पाले में ले लिया था और भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही गच्चा दे दिया था.

महिला अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित अध्यक्ष पद: जिला परिषद हमीरपुर में अध्यक्ष का पद महिला अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है. ऐसे में यदि कांग्रेस इस पद को झटका चाहती है तो उन्हें महिला अनुसूचित जाति जिला परिषद सदस्य को ही इस कुर्सी पर काबिज करना होगा .हालांकि, इसके लिए कांग्रेस को तीन आजाद जिला परिषद सदस्यों के साथ ही भाजपा समर्थित एक जिला परिषद सदस्य के समर्थन की जरूरत पड़ेगी.

भाजपा को तोड़ना मुश्किल भी: प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया है ऐसे में जोड़-तोड़ की इन संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता है.हालांकि, भाजपा सदस्यों को तोड़ पाना कांग्रेस के लिए इतना आसान नहीं होगा. सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के एक जिला परिषद वार्ड से महिला अनुसूचित जाति की सदस्य वर्तमान में हैं. यह जिला परिषद सदस्य विधायक राजेंद्र राणा के करीबी मानी जा रही है. ऐसे में आने वाले सियासी घटनाक्रम पर सभी की निगाहें बनी रहेंगी.

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