हमीरपुर: कहते हैं बेटियां अपने पापा की सबसे ज्यादा लाडली होती हैं. एक बेटी के जीवन में उसके पिता का स्थान कोई भी नहीं ले सकता है. वहीं, देवभूमि में एक ऐसा भी कलयुगी पिता रहता है जिसने कथित तौर पर अपनी अनमोल बेटी की कीमत 1 लाख लगाई है. मामला हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर की बरोहा पंचायत का है. जानकारी के मुताबिक कलयुगी पिता पर आरोप है कि वह 12 दिन की नवजात को बेचने की फिराक में है. हमीरपुर पुलिस ने इसकी जानकारी चाइल्डलाइन को दी गई है.
नवजात को है पीलिया:मिली जानकारी के अनुसार 12 दिन की नवजात बच्ची की मां मानसिक तौर पर परेशान है और बेटी की देखभाल की सही ढंग से नहीं कर पा रही है. जिसके कारण नवजात को पीलिया भी हो गया. स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों की मदद से नवजात को मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में भर्ती करवाया गया. इस बीच बच्ची का पूरी तरह से इलाज करवाने की बजाय दोनों माता-पिता अगले दिन ही मेडिकल कॉलेज से बरोहा स्थित अपने किराए के कमरे में लौट गए. मामला जैसे ही पंचायत के सामने आया तो स्थानीय आशा वर्कर और हेल्थ वर्कर को मौके पर बुलाया गया. बताया जा रहा है कि आशा और हेल्थ वर्कर ने नवजात की बेहतर देखभाल के लिए माता-पिता को जागरूक करने की कोशिश की और उन्हें जरूरी जानकारी भी दी.
1 लाख लगाई नवजात बच्ची की कीमत: प्राप्त जानकारी के अनुसार 12 दिन की मासूम में पीलिया के लक्षण बहुत ज्यादा है. ऐसे में उसे अस्पताल में भर्ती करवाने की भी हिदायत दी गई. इस तमाम मामले की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्र के ही एक दंपति ने बच्चों को गोद लेने की इच्छा जाहिर की. दंपति जब मौके पर पहुंचा तो बच्ची के पिता ने कथित तौर पर बेटी गोद देने की एवज में एक लाख की मांग कर डाली. पिता की बात सुनकर नवजात को गोद लेने का प्रस्ताव रखने वाले और मौके पर मौजूद अन्य लोग अचंभित रह गए. पिता का इस तरह का व्यवहार देखकर बेटी को गोद लेने आया दंपति भी पीछे हट गया. इस संबंध में स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों ने सदर थाना हमीरपुर में भी शिकायत दी है. वहीं, बरोहा पंचायत के प्रधान निर्मला देवी ने एसपी हमीरपुर आकृति शर्मा को फोन के माध्यम से मामले की जानकारी दी है.
किराए के कमरे में रहता है कलयुगी पिता:आरोपी बरोहा में किराए के कमरे में रहता है. यूपी के मूल निवासी ने अपनी 12 दिन की नवजात बेटी की कीमत 1 लाख तय कर दी. बेटी है अनमोल और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा लेकर आगे बढ़ रहे देश और प्रदेश में ऐसी धारणा सामने आना बेहद चिंतनीय है