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अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेला: कंवर ग्रेवाल के नाम रही पांचवीं सांस्कृतिक संध्या, सूफी गानों से मदहोश हुआ पंडाल

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Published : Aug 2, 2019, 12:36 PM IST

ऐतिहासिक मिंजर मेले की पांचवी सांस्कृतिक संध्या सूफी गायक कंवर ग्रेवाल के नाम रही. कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक मुसादा गायन व कुंजड़ी मल्हार से की गई.

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चंबा: ऐतिहासिक मिंजर मेले की पांचवी सांस्कृतिक संध्या सूफी गायक कंवर ग्रेवाल के नाम रही. उन्होंने एक के बाद एक सूफी गीत पेश कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया. कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक मुसादा गायन व कुंजड़ी मल्हार से की गई.

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इस दौरान विभिन्न राज्यों के कलाकारों व स्थानीय कलाकारों ने अपनी लोक संस्कृति व कार्यक्रम पेश कर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया. कलकारों ने कई गाने पेश कर पांचवी सांस्कृतिक संध्या में खूब समां बांधा. वहीं, देश के अलग-अलग राज्यों से आए कलाकरों ने अपनी संस्कृति से भी लोगों को रूबरू करवाया.

बता दें कि शुक्रवार को मेले की छठी सांस्कृतिक संध्या में हिमाचली पहाड़ी गायक कुलदीप शर्मा अपनी पहाड़ी नाटियों से लोगों को खूब मनोरंजन करेंगे.

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Intro:अंतराष्ट्रीय मिंजर मेले की पांचवीं सांस्कृतिक संध्या रही सूफी गायक कवर ग्रेवाल के नाम , सूफी गानों ने मदहोश हुआ पंडाल .

ऐतिहासिक मिंजर मेले की पांचवी सांस्कृतिक संध्या सूफी गायक कंवर ग्रेवाल के नाम रही। उन्होंने एक के बाद एक सूफी गीत पेश कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक मुसादा गायन व कुंजड़ी मल्हार से की गई। उसके बाद विभिन्न राज्यों के कलाकारों व स्थानीय कलाकारों ने अपनी लोक संस्कृति व कार्यक्रम पेश कर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। मेरे इश्क कमर तूने पहली नजर सहित गाने पेश कर पांचवी सांस्कृतिक संध्या में खूब समां बांधा।Body: आज छठी सांस्कृतिक संद्य में हिमाचली पहाड़ी गायक कुलदीप शर्मा अपनी पहाड़ी नाटियों से लोगों को खूब मनोरंजन कपंजाबी सूफी गायक कंवर ग्रेवाल ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत 'सामने होवे यार ते नचना पेंदा है' आने से उसके, बाद उन्होंने अपने एक से एक सूफी गीत पेश किए। मौज फकीरा दी ,आजा बाबा आजा।, रेंगे।Conclusion:इसके अलावा देश के अलग अलग राज्यों से आये कलाकरों ने अपनी संस्कृति से भी रूबरू करवाया .

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