ऊना: बैसाखी के पावन पर्व के अवसर पर उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पीरनिगाह में मेले का आयोजन किया गया. सुबह सवेरे झंडा चढ़ाने की रस्म अदा करने के बाद मेला शुरू (Baisakhi in Pirnigah Darbar Una) हुआ. मेले को लेकर मंदिर परिसर को रंग-बिरंगे फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया. वहीं ढोल-नगाड़े की थाप पर श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर शीश नवाते रहे. मंदिर परिसर के समीप स्थित तालाब इस पर्व पर नहाने का भी विशेष महत्व है. उत्तर भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल में बैसाखी के पर्व पर भव्य मेला लगता रहा है, लेकिन बीते सालों में कोविड-19 की परिस्थितियों के चलते मेले का स्वरूप भी काफी हद तक बदल चुका है.
उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल पीरनिगाह में बैसाखी का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया. ध्वजारोहण से शुरू हुए मेले के दौरान हजारों की संख्या में हिमाचल ही नहीं पंजाब और हरियाणा सहित अन्य राज्यों से श्रद्धालु मंदिर परिसर पहुंचे. इस दौरान श्रद्धालुओं ने पीरनिगाह में माथा टेका और मन्नते भी (Baisakhi celebrated in Pirnigah) मांगी. बैसाखी के पर्व पर दूरदराज इलाकों से श्रद्धालु गेंहूं की फसल का कुछ हिस्सा लेकर पीर बाबा के अर्पण करते है. इस अवसर पर मंदिर परिसर को रंग बिरंगे फूलों से सजाया गया था. इतिहास के जानकारों के मुताबिक यह धार्मिक स्थल पांडव काल में बनाया गया है.