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विश्व हीमोफीलिया दिवस: जानें क्या है हीमोफीलिया, उसका उपचार और निदान

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Published : Apr 17, 2020, 5:27 PM IST

Updated : Apr 17, 2020, 8:32 PM IST

हर साल 17 अप्रैल को हीमोफिलिया दिवस मनाया जाता है. हीमोफीलिया या अधिरक्तस्त्राव एक दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी है. जो माता-पिता से पुत्रों को हो सकता है. महिलाओं की अपेक्षा पुरुष इसकी चपेट में अधिक आते हैं. खून के टेस्ट कर और जीन मैपिंग कर इस बीमारी की जांच की जाती है. इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को सरकार से आर्थिक मदद भी मुहैय्या कराई जाती है.

world hemophilia day- Know what is hemophilia, its treatment and diagnosis
विश्व हीमोफीलिया दिवस

शिमला: विश्व हीमोफीलिया दिवस की आज 30वीं वर्षगांठ है. इस उत्सव के तीस साल, हमारे समुदाय के समर्पण और चुस्त प्रकृति का प्रमाण है. विश्व हीमोफिलिया दिवस के दिन हम यह दिखाते हैं कि इस बीमारी को लेकर कदम उठाना, कुछ करना कितना जरूरी है. यह 'सभी के लिए उपचार' के लिए हम जो कुछ भी कर रहे हैं, उसपर गर्व करने का दिन भी है.

हीमोफीलिया या अधिरक्तस्त्राव एक दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी है. जो माता-पिता से पुत्रों को हो सकता है. दरअसल हीमोफीलिया में व्यक्ति का रक्त सामान्य रूप से खून का थक्का नहीं बनाता है. क्योंकि इसमें खून में पर्याप्त रक्त का थक्का बनाने वाले प्रोटीन (थक्के कारक) का अभाव होता है. अगर खून बहना न रुके तो इससे ग्रसित इंसान के लिए एक छोटी सी चोट जानलेवा साबित सकती है.

वीडियो रिपोर्ट.

एक अनुमान के मुताबिक हिमाचल में पांच सौ अधिक लोग हीमोफीलिया से पीड़ित हैं इन आकड़ों में बच्चे भी शामिल हैं. आईजीएमसी के चाइल्ड स्पेशलिस्ट व चाइल्ड विभाग के एचओडी डॉ. अश्वनी सूद ने बताया कि आईजीएमसी में इस बीमारी से ग्रसित मरीजों का इलाज किया जा रहा है. महिलाओं की अपेक्षा पुरुष इसकी चपेट में अधिक आते हैं. खून के टेस्ट कर और जीन मैपिंग कर इस बीमारी की जांच की जाती है. बीमारी अधिक बढ़ने पर मरीज को हर हफ्ते फैक्टर-8 के इंजेक्शन लगाए जाते हैं. सरकार की ओर से हीमोफीलिया से ग्रसित मरीजों को हर माह 2-2 हजार रुपये भी दिए जा रहे हैं.

हीमोफीलिया के कारण

  • जोड़ों के भीतर रक्तस्राव, जो पुरानी संयुक्त बीमारी और दर्द का कारण बन सकता है.
  • सिर में और कभी-कभी मस्तिष्क में रक्तस्राव, जो दीर्घकालिक समस्याएं पैदा कर सकता है, जैसे दौरे और लकवा.
  • जब रक्तस्राव को रोका नहीं जा सकता है. या जब दिमाग जैसे एक महत्वपूर्ण अंग में रक्तश्राव को रोका न जा सके. ऐसी स्थिति में मौत भी हो सकती है.

हीमोफीलिया के संकेत और लक्षण

  • जोड़ों में रक्तस्राव: इससे जोड़ों में सूजन और दर्द या जकड़न हो सकती है; यह अक्सर घुटनों, कोहनी और टखनों को प्रभावित करता है.
  • त्वचा में रक्तस्राव (जो चोटिल है) या मांसपेशियों और कोमल उत्तकों के निर्माण के कारण एक जगह रक्त जमा हो जाता है. (जिसे हेमेटोमा कहा जाता है).
  • मुंह और मसूड़ों से रक्तस्राव, और दांत के टूटने के बाद रक्तस्राव होता है, जिसे रोकना मुश्किल होता है.
  • टीकाकरण के बाद रक्तस्राव.
  • कठिन प्रसव के बाद शिशु के सिर में रक्तस्राव.
  • मूत्र या मल में रक्त.
  • बार-बार नाक बंद होना.

डॉक्टर को कब दिखाना है

  • मस्तिष्क में रक्तस्राव के लक्षण या संकेत.
  • एक चोट, जिसमें खून बहना बंद नहीं हो रहा.
  • सूजन वाले जोड़ों को स्पर्श करने पर गर्मी महसूस हो और जोड़ों को मोड़ना पीड़ादायक हो.
  • यदि आपका हीमोफीलिया का पारिवारिक इतिहास है, तो आप परिवार शुरू करने से पहले आनुवंशिक जांच करा सकते हैं.

स्वस्थ रहने के तरीके

  • एक हीमोफीलिया उपचार केंद्र में एक वार्षिक व्यापक चेकअप करवाएं.
  • हेपेटाइटिस ए और बी के टीका लगवाए जा सकते हैं.
  • जल्दी और पर्याप्त रूप से ब्लीड का इलाज करें.
  • अपने जोड़ों की सुरक्षा के लिए व्यायाम करें और स्वस्थ वजन बनाए रखें.
  • रक्तजनित संक्रमणों के लिए नियमित रूप से जांच करवाएं.
Last Updated :Apr 17, 2020, 8:32 PM IST

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