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बर्फ में चारे के बिना मरने लगे मवेशी, भेड़पालकों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार

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Published : Jan 31, 2020, 5:59 PM IST

प्रदेश में हो रही बर्फबारी भेड़पालकों के लिए मुसीबत का सबब नहीं हुई है, क्योंकि हिमपात की वजह से भेड़पालकों को अपनी भेड़-बकरियों के लिए चारा नहीं मिल रहा है. जिससे भूख की वजह से उनके मवेशियों की मौत हो रही है.

Sheep keepers face problem due to snowfall in shimla
बर्फ में चलती भेड़ बकरियां

शिमला: हिमाचल के ऊपरी हिस्सों में पिछले काफी समय से लगातार हो रही बर्फबारी ने भेड़पालकों की मुसीबतें बढ़ा दी है. हिमपात से भेड़पालकों को अपनी भेड़ों के लिए चारा नहीं मिल रहा है, जिससे उनको दाने से गुजारा करना पड़ रहा है. ऐसे में उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

भेड़पालकों का कहना है कि बर्फबारी के वजह से पशु बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, जिससे उनको घरों में ही चारा देना पड़ रहा है. ऐसे में अब उनके पास सर्दियों के चारे का कोटा भी खत्म हो गया है और अब हालात ऐसे हो गए है कि पशुओं की मौत भूख की वजह से होने लगी है. उन्होंने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण दाना भी खरीदने में असमर्थ हैं.

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भेड़पालक अशोक कुमार ने बताया कि क्षेत्र में बर्फबारी होने की वजह से पशु घर से बाहर नहीं निकले रहे हैं. ऐसे में उन्हें घर पर ही घास-पत्ती खिलाई जा रही है, लेकिन अब वो भी खत्म हो चुकी है. उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि सरकार उनकी मदद के लिए आगे आए और कुछ कदम उठाए.

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जगमोहन सिंह ने बताया कि इस साल रिकॉर्ड तोड़ बर्फबारी हुई है, जिससे मालदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि भेड़ों को खिलाने के लिए अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा हुआ है और ऐसे में सरकार भी उनकी मदद नहीं कर रही है.

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हिमाचल के ऊपरी हिस्सों में पिछले काफी समय से लगातार हो रही बर्फबारी ने पशुपालकों की मुसीबतें बढ़ा दी है। जंगलों अथवा चरांने वाली जगहों में लम्बे समय से बर्फ की सफेदी छाई है। जिस कारण भेड़ बकरी चराना संभव नहीं है। भेड़ पालको का कहना है पशु चारा बर्फ से ढक चुकी है और जल्द बर्फ हटने की संभावना नहीं है। ऐसे में पशुओं को घरों से बाहर निकालना मुश्किल हो रहा है। पशु पालको का कहना है की इस बार काफी समय से बर्फबारी हो रही है , जिससे उन की भेड़ बकरियां घरो से बाहर नहीं निकल पाई और घरो में ही दिन भर चारा दे रहे है। अब सर्दियों का चारे का कोटा भी खत्म हो चुका है। , जिससे अब पशुओ को भूखे मरने की नौबत आ गई है। पशुओं को बचाने के लिए दाना देकर समय निकाला जा रहा है , लेकिन अब महँगा दाना क्रय करना भी आर्थिक तंगी के कारण सम्भव नहीं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए सरकार भेड़ पालकों की मदद करें। पशु चारा या फीड कम से कम दामों पर मुहैया करवाई जाये। भेड़ पालक कुहल पंचायत के कहान चंद ने बताया कि इस बार बर्फबारी काफी अधिक हुई है। इससे उन्हें भेड़ बकरी पालना मुश्किल हो रहा है,। अधिक दिनों तक बर्फ के कारण पशु चराने के लिए बाहर नहीं ले जा सके और जो घास पत्तियां उन्होंने रखी थी वो खत्म हो गई है । दाना दे कर टाइम निकल रहे है। अब भूख से पशु मर रहे है। सरकार भेड़ पालको की ओर ध्यान नहीं दे रही है ,एक ओर तो सरकार पशु पालन व्यवसाय को रोजगार के रूप में अपनाने की बात कर रही है ,लेकिन ऐसी परिस्थितियों में मुसीबत खड़ी हुई है। इस लिए सरकार चारा उपलब्ध कराये।भेड़ पालक जगमोहन ने बताया कि इस बार क्षेत्र में रिकॉर्ड तोड़ बर्फ पड़ी है। पशु चारा सारा खत्म हो गया है। ऐसे में भेड़ पालना मुश्किल हो गया है। ऐसी स्थिति में भेड़ बकरियों को क्या खिलाएं समझ से परे हैं। हम सरकार से मांग करते हैं कि सरकार भेड़ पालकों की मदद करें।
Conclusion:हिमाचल के ऊपरी क्षेत्रो में पशु पालकों की बर्फबारी ने बढ़ाई मुश्किलें। लगातार हो रही बर्फबारी से भेड़ बकरियों को जंगल चराने ले जाना हुआ मुश्किल। जंगलों में बर्फ में दफन हुआ है पशु चारा। चारे की कमी से पशुओं के मरने की नौबत। लोग भेड़ बकरियों को घरों में दाना दे कर निकाल रहे है समय। सरकार से पशुपालकों की मांग, ऐसी स्थिति में भेड़ पालकों को चारा किया जाए उपलब्ध।

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