हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

SHIMLA: शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने किया योगानंद अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन

By

Published : Aug 20, 2021, 8:43 PM IST

शुक्रवार को शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने आज शूलिनी विश्वविद्यालय के प्रबंधन विज्ञान और उदार कला संकाय द्वारा आयोजित सामाजिक विज्ञान में समकालीन मुद्दों पर प्रतिष्ठित योगानंद अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया.

शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकु
शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकु

शिमलाः हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने आज शूलिनी विश्वविद्यालय के प्रबंधन विज्ञान और उदार कला संकाय द्वारा आयोजित सामाजिक विज्ञान-2021 (YICCIS-2021) में समकालीन मुद्दों पर प्रतिष्ठित योगानंद अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस अवसर पर बोलते हुए गोविंद ठाकुर ने कहा कि शिक्षा के प्रसार के लिए आधुनिक तकनीक को अपनाना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार की शिक्षा प्रणाली प्रौद्योगिकी और प्रगति जैसे ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली और गतिशील पाठ्यक्रम की मदद से मौजूदा स्थिति पर काबू पा रही है. उन्होंने छात्रों को अपने जीवन में गतिशील और सकारात्मकता से भरे रहने के लिए प्रोत्साहित किया.


ठाकुर ने शूलिनी विश्वविद्यालय की शिक्षा बिरादरी की भी प्रशंसा की और कहा कि यह प्रौद्योगिकी को त्वरित रूप से अपनाने के कारण कोविड महामारी द्वारा प्रदान की गई असफलताओं के बावजूद आगे रहा कार्यक्रम में अतिथि के रूप में मौजूद सोलन के विधायक कर्नल धनी राम शांडिल ने सम्मेलन को संबोधित किया और शिक्षा के पाठ्यक्रम में प्रगति के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा एक बड़ी छलांग लगा रही और शूलिनी विश्वविद्यालय की कड़ी मेहनत और बिरादरी की महामारी की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होने की प्रशंसा की. कुलाधिपति प्रो. पीके खोसला ने मुख्य अतिथि को धन्यवाद दिया और उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा अपनाई गई तकनीक के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के साथ अनुसंधान पर जोर हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता रही है. उन्होंने मानव व्यवहार और समाज के संबंध में विज्ञान और योग के महत्व के बारे में भी बताया.


सम्मेलन के संयोजक, निदेशक एमबीए प्रोग्राम, प्रो. कुलदीप चंद रोझे ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डाला. डीन रिसर्च, प्रो. सौरभ कुलश्रेष्ठ ने बताया कि शूलिनी विश्वविद्यालय का मिशन शीर्ष 200 वैश्विक विश्वविद्यालयों में शामिल होना था और यह सही दिशा में था. सहायक प्रोफेसर डॉ. अंकिता वर्मा ने सम्मेलन का संचालन किया, जबकि अंत में आभार एफएमएसएलए के डॉ. विनय नेगी ने माना.

ये भी पढ़ें:शिमला में कब लगी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा, किसने बनाई, सब अनजान

ABOUT THE AUTHOR

...view details