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हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का 53वां स्थापना दिवस, राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने छात्रों से की ये अपील

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Published : Jul 22, 2022, 8:39 PM IST

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के 53वें स्थापना दिवस पर कार्यक्रम (Foundation Day of Himachal Pradesh University) आयोजन किया गया. इस अवसर हिमाचल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. इस दौरान शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज और शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर भी मौजूद रहे. पढ़ें पूरी खबर...

Foundation Day of Himachal Pradesh University
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का 53वां स्थापना दिवस

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के 53वें स्थापना दिवस (Foundation Day of Himachal Pradesh University) पर आज विश्वविद्यालय परिसर में गरिमापूर्ण समारोह आयोजित किया गया. इस अवसर पर मुख्यातिथि राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर (Himachal Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) के साथ शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज और शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर भी उपस्थित थे. राज्यपाल ने प्रदेश विश्वविद्यालय के अध्यापकों और विद्यार्थियों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षा का मुख्य ध्येय व्यक्ति को संस्कारवान बनाना है.

उन्होंने कहा कि पाठ्य पुस्तकों के अलावा अच्छी किताबें पढ़ने से ही हमारा सर्वांगीण विकास सम्भव है. उन्होंने कहा कि बदलते दौर में हमें अपनी सोच में भी परिवर्तन लाने की आवश्यकता है. शिक्षा को हमें उद्यमिता की ओर ले जाना चाहिए और विश्वविद्यालयों को इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम समाज की वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पहले शैक्षणिक पाठ्यक्रम रोजगार के अनुरूप बनाया जाता था परन्तु वर्तमान में इसका समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप होना अधिक महत्वपूर्ण है.

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का 53वां स्थापना दिवस पर कार्यक्रम. (वीडियो)

राज्यपाल ने कहा कि 53 वर्षों की इस यात्रा में हमें सफलताओं और कमियों के बारे में विश्लेषण करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि आज विद्यार्थी किसी भी संस्थान में दाखिला लेने से पहले उसकी ग्रेडिंग के सम्बंध में जानकारी प्राप्त करता हैै इसलिए विश्वविद्यालय को ग्रेडिंग सुधारने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए. राज्यपाल ने इस अवसर पर छात्राओं के लिए 8.11 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाले मणीकर्ण छात्रा छात्रावास का शिलान्यास भी किया. इस छात्रावास का निर्माण भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना के अंतर्गत 4410 वर्ग मीटर में किया जाएगा.

उन्होंने इस अवसर पर मॉय यूनिवर्सिटी थीम पर आधारित चित्रकला कार्यशाला का शुभारम्भ भी किया. राज्यपाल ने इस अवसर पर हिमशिखर, नवोन्मेषी और विश्वविद्यालय के अन्य प्रकाशनों का भी विमोचन किया. राज्यपाल ने इस अवसर पर श्रेष्ठ छात्र सम्मान, श्रेष्ठ कर्मचारी सम्मान, बेस्ट यंग रिसर्चर अवार्ड, बेस्ट रिसर्चर अवार्ड, बेस्ट टीचर अवार्ड भी प्रदान किए. उन्होंने इस अवसर प्रो. चन्द्र मोहन परशेरा को विश्वविद्यालय के आन्तरिक गुणवत्ता सुधार में योगदान के लिए सम्मानित किया.

हिमाचल के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (Himachal Urban Development Minister Suresh Bhardwaj) ने कहा कि आज हमारा देश नया भारत नई ऊर्जा से परिपूर्ण है और हम निरन्तर आत्मनिर्भर होने की ओर अग्रसर हो रहे हैं, यही शिक्षा का उद्देश्य भी है. उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने शिक्षा में अनुसंधान के लिए बजट में विशेष प्रावधान किया है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा का व्यापक विस्तार हुआ है.

उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यहां विश्वविद्यालय की स्थापना शिक्षा के अनुकूल वातावरण देखते हुए की गई थी. उन्होंने कहा कि स्थापना दिवस के अवसर पर हम सभी को चिन्तन करना चाहिए कि आने वाले वर्षों में हमें किस दिशा में आगे बढ़ना है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का गौरवशाली इतिहास रहा है और देश की अनेक बड़ी हस्तियां और प्रशासक इस विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं. उन्होंने कहा कि वे स्वयं इसी विश्वविद्यालय में पढ़े हैं और विश्वविद्यालय के पहले कानून स्नातक है.

हिमाचल के शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर (Himachal Education Minister Govind Singh Thakur) ने कहा कि यह उन लोगों को स्मरण करने का दिन है जिन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि हमें इस संस्थान को देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थान के रूप में विकसित करने के लिए अपना योगदान देने का प्रण लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण करने वाले कई विद्यार्थी आज देश के शीर्ष पदों पर कार्यरत हैं. भारत ने अनुसंस्धान के क्षेत्र में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं, लेकिन हमें व्यवसायिक शिक्षा की दिशा में भी आगे बढ़ने की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के सक्षम नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने अनुसंधान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मंडी में सरदार पटेल विश्वविद्यालय स्थापित किया है. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी देश का भविष्य हैं उन्हें ऊर्जावान और उज्ज्वल होना चाहिए. यह महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी हमारे शिक्षकों के पर है और प्रधानमंत्री ने शिक्षकों की भूमिका को और ऊंचा किया है. उन्होंने कहा कि विश्व के विकसित देश अपनी मातृभाषा में काम करते हैं, हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि यह नीति भारत को ज्ञान शक्ति बनाने में सहायक सिद्ध होगी.

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