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आजादी का अमृत महोत्सव: डीआईजी प्रेम सिंह ने बबेली से हरी झंडी दिखाकर रवाना की लॉन्ग साइकिल रैली

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Published : Sep 10, 2021, 3:33 PM IST

आजादी के अमृत महोत्सव पर साल भर देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इसी कड़ी में आईटीबीपी फिट इंडिया मूवमेन्ट के तहत अनेक गतिविधियों का आयोजन कर रही है. ऐसे में शुक्रवार को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस मुख्यालय शिमला (Indo-Tibetan Border Police Headquarters Shimla) के उप-महानिरीक्षक प्रेम सिंह ने आईटीबीपी द्वितीय वाहिनी बबेली से लॉन्ग साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

DIG Prem Singh flagged off long cycle
साइकिल रैली के स्वागत में एक भव्य समारोह.

कुल्लू: बबेली में आजादी के अमृत महोत्सव (Azaadi Ka Amrit Mahotsav) के उपलक्ष्य में आयोजित साइकिल रैली के स्वागत में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया. भारत-तिब्बत सीमा पुलिस मुख्यालय शिमला (Indo-Tibetan Border Police Headquarters Shimla) के उप-महानिरीक्षक प्रेम सिंह ने शुक्रवार को आईटीबीपी द्वितीय वाहिनी बबेली से लॉन्ग साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. समारोह में आईटीबीपी के समस्त अधिकारी व जवान उपस्थित रहे.



उप-महानिरीक्षक प्रेम सिंह ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के प्रति जन भागीदारी की भावना को जागृत करने के लिए जन महोत्सव के रूप में पूरे देश में मनाया जा रहा है. इसी उपलक्ष्य में उत्तर-पश्चिमी सीमांत साइकिल रैली 27 अगस्त को लेह से रवाना की गई थी, जो 14 दिन बाद 9 सितम्बर को कुल्लू के बबेली में पहुंची. उन्होंने कहा कि रैली का ट्रैक बहुत ही साहसिक व अनेक भौगोलिक खुबियों वाला है. रैली लेह से छः दर्रों को पार करते हुए कुल्लू पहुंची. इन दर्रों में विश्व का दूसरा सबसे ऊंचा दर्रा तांगलांग-ला जो 18 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर है. 16,500 फीट बारालाचा-ला पास, लाचुंग-ला पास, नाकी-ला और रोहतांग पास विश्व के प्रसिद्ध दर्रों में शुमार हैं.

प्रेम सिंह ने टीम को बधाई देते हुए कहा कि हालांकि अनेक स्थलों पर यात्रा कठिन थी, लेकिन रोमांच और उल्लास से भरी हुई है क्योंकि लेह से मनाली के मध्य बहुत खूबसूरत घाटियां हैं. जलवायु भी आजकल काफी अनुकूल है और मनोहारी दृश्य सहसा ही अपनी ओर सभी को आकर्षित करता है. ऐसे में साइकिल रैली ने खूब मौज-मस्ती भी की और अपना संदेश भी लोगों को दिया. उन्होंने कहा कि पर्वतीय घाटियों से सफर करना अपने आप में विस्मित करने वाला है और हर कोई व्यक्ति ऐसे प्राकृतिक चट्टानों और आश्चर्यजनक अनेक रंगों की रेतीली परतों से बनें पर्वत और पठार की यात्रा करने के लिए लालायित होगा.

उप-महानिरीक्षक ने कहा कि दूसरे चरण की यह 13 सदस्यों की रैली 484 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए बबेली से कोटरूपी, पालमपुर, डडरोली, गुरदासपुर होते हुए अमृतसर तक जाएगी और ऐतिहासिक स्थलों को कवर करेगी. अमृतसर में लॉन्ग साइकिल रैली को उत्तर-पश्चिमी सीमांत बल को सौंपा जाएगा. उन्होंने कहा कि आईटीबीपी इस प्रकार की 10 साइकिल रैलियों का आयोजन कर रहा है. आईटीबीपी फिट इंडिया मूवमेंट (ITBP Fit India Movement) के तहत अनेक गतिविधियों का आयोजन कर रही है. साइकिल जहां शारीरिक फिटनेस के लिए उपयोगी है, वहीं पर्यावरण मित्र भी है. उन्होंने कहा कि मनाली लेह जैसे टैरेन में राष्ट्रीय स्तर के साइक्लिस्ट आते हैं. उन्होंने आईटीबीपी के साइक्सिस्टों से भी ऐसी प्रतियोगिताओं में भाग लेने को कहा.

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इस दौरान प्रेम सिंह ने रैली में शामिल प्रतिभागियों से कहा कि वे रास्ते में आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में इस दौरान की उपलब्धियों को जनता से साझा करें. उन्होंने कहा कि रैली का उद्देश्य महात्मा गांधी की उपलब्धियों के बारे में जानकारी, देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के मध्य सामंजस्य, परस्पर संवाद और सौहार्द को बढ़ाना, वोकल फॉर लोकल (vocal for local) को प्रोत्साहित करना, भारत के गौरवशाली इतिहास के बारे में जानकारी प्रदान करना है.

उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक ऐसी ही अनूठी पहल की गई है ताकि सभी भारतीयों में कर्तव्यपरायणता और एकता की भावना को जागृत किया जाए. इस कड़ी में आजादी के अमृत महोत्सव पर देश भर में साल भर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. आजादी की 75वीं वर्षगांठ का मतलब 75 साल पर विचार, 75 साल की उपलब्धियां, 75 साल पर एक्शन और 75 साल पर संकल्प शामिल है जो आजाद भारत के सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है.

उप-महानिरीक्षक ने भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के गौरवपूर्ण इतिहास का उल्लेख करते हुए है कि 1962 की लड़ाई के दौरान इस बल का गठन किया गया था. यह बल उत्तरी पूर्वी छोर कराकोरम से जाचपला अरुणाचल प्रदेश तक 3488 किलोमीटर पर देश की रखवाली कर रहा है. बल का मोटो-शौर्य, दृढ़ता, कर्मनिष्ठा के पदचिन्हों के कर्तव्यों का निर्वहन करना है. यह बल नक्सलवाद व वीआईपी सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. इसके अलावा पर्वतारोहण के मामले में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउण्ट एवरेस्ट और कंचनजंघा में भी फतह प्राप्त कर चुका है.

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