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आज चंबा के प्रसिद्ध व्यंजन राजमा और गुच्छी के मदरे का स्वाद ले सकते हैं PM Modi

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Published : Oct 13, 2022, 7:06 AM IST

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल दौरे पर (PM Modi Himachal Rally) रहेंगे. इस दौरान वे ऊना और चंबा में रहेंगे. वहीं, चंबा में उनका पौने दो घंटे का कार्यक्रम (PM Modi Chamba Visit) है. जहां पीएम चंबा के प्रसिद्ध व्यंजन राजमा और गुच्छी के मदरे का स्वाद चख सकते (PM Modi eat Chamba dish) हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Etv BharatPM Modi eat Chamba dish.
चंबा के प्रसिद्ध व्यंजन राजमा और गुच्छी के मदरे का स्वाद ले सकते हैं PM Modi.

चंबा:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हिमाचल दौरे पर (PM Modi Himachal Rally) रहेंगे. इस दौरान पीएम मोदी ऊना और चंबा में रहेंगे, जहां वे चुनाव से ऐन पहले कई परियोजनाओं की सौगात देंगे और जनसभा को संबोधित करके चुनावी बिगुल भी (PM Modi Chamba Visit) फूकेंगे. पीएम के चंबा दौरे के दौरान वे वहां के प्रसिद्ध व्यंजन राजमा और गुच्छी के मदरे का स्वाद चख सकते (PM Modi eat Chamba dish) हैं. पौने दो घंटे के कार्यक्रम से पहले या पूर्व में उन्हें मदरे समेत सादा भोजन परोसा जाएगा.

प्रधानमंत्री इससे पहले भी हिमाचली व्यंजनों को लेकर अपनी रैलियों में जिक्र कर चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी जिला प्रबंधन की ओर से अपने स्तर पर इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चंबा के ऐतिहासिक चौगान पहुंचने का सुबह पौने बारह बजे का समय है. वहीं, इस दौरान वे जनसभा को संबोधित करेंगे. यहां पर उनका पौने दो घंटे तक का कार्यक्रम प्रस्तावित है. राजमा से बनने वाले मदरे को लोग काफी पसंद करते हैं. बॉलीवुड एक्ट्रेस यामी गौतम तक राजमा के मदरा की कायल हैं. (Traditional food of Himachal)

भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर और भा‌जपा जिलाध्यक्ष जसबीर नागपाल ने बताया कि प्रधानमंत्री का देवभूमि हिमाचल से विशेष लगाव है. चंबा जाने का जिक्र वह पहले भी कई बार कर चुके हैं. अपनी रैलियों में हिमाचली व्यंजनों का भी जिक्र करते रहते हैं. ऐसे में अब चंबा आगमन पर उन्हें चंबा का प्रसिद्ध व्यंजन राजमा और गुच्छी का मदरा व सादा भोजन परोसा जा सकता है. जिससे चंबा का मदरा देश भर में ख्याति हासिल कर लेगा.

राजमा का मदरा बनाने की विधि:सबसे पहले एक बड़े बर्तन में घी और रिफाइंड तेल, दही, हल्दी और अन्य मसालों को एक साथ डाला जाता है और उसे पकने के लिए कम आंच रखा जाता है. जैसे-जैसे तेल गर्म होने लगता है वैसे-वैसे ये बनना शुरू हो जाता है, क्योंकि इसे बनाने के लिए घी और दही की मात्रा काफी अधिक होती है. इसलिए इसे बनाते हुए काफी सतर्कता बरतनी पड़ती है. इस दौरान दही को लगातार हिलाते रहना पड़ता है. जिससे वह जले नहीं. जब दही पूरी तरह पक कर भूरे रंग की हो जाती है, तब उबले हुए राजमा को उसमें मिलाया जाता है. दो-तीन घंटों की इस प्रक्रिया में बनाने वाले बोटी(खाना बनाने वाला व्यक्ति) की काफी मेहनत लगती है. उबले राजमा और पके हुए दही मसाले को उसमें मिलाने के बाद दस से पंद्रह मिनट के लिए उसे धीमी आंच पर रखा जाता है.

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