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आवारा पशु घोटाला: एक ही जानवर को कई बार पकड़कर पैसे वसूल रहे ठेकेदार!

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Published : Sep 22, 2021, 9:24 PM IST

Stray Animals Increasing Gohana

हरियाणा सरकार ने गोहाना साल 2018 में कैटल फ्री घोषित कर दिया था. आज हालात ये हैं कि शहर की हर गली और सड़कों पर आवारा पशुओं का आतंक (Stray Animals Increasing Gohana) है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर घोटाले का आरोप लगाया है.

सोनीपत: कहने को तो गोहाना साल 2018 में कैटल फ्री हो चुका है. लेकिन धरातल पर सच्चाई कछ और ही है. शहर की सड़कों पर आवारा पशुओं की भरमार (Stray Animals Increasing Gohana) है. जिसकी वजह से रोजाना कई हादसे होते हैं. सोनीपत जिले में पिछले दो दिनों में 3 से 4 लोग आवारा पशुओं की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन जिला प्रशासन और गोहाना नगर परिषद आवारा पशुओं पर नकेल कसने में नाकाम साबित हुआ है.

दरअसल पकड़े गए आवारा पशुओं की पहचान के लिए टैगिंग की जाती है. ये टैग पशुओं के कानों पर लगाया जाता है, लेकिन ज्यादातर पशुओं के कान कटे हुए हैं. जिससे उनकी पहचान नहीं हो पाती. जिला उपायुक्त की तरफ से एक आवारा पशु को पकड़ने के लिए ₹900 रुपये की फीस ठेकेदार को दी जाती है. लोगों का आरोप है कि ऐसे पशुओं को ठेकेदार, नंदीशाला और गौशाला के लोग मिलीभगत कर दोबारा सड़कों पर छोड़ देते हैं. ताकि वो फिर से उन पशुओं को पकड़कर पैसा कमा सके.

आवारा पशु घोटाला: एक ही जानवर को कई बार पकड़कर पैसे वसूल रहे ठेकेदार!

ईटीवी भारत ने इस बारे में जब गोहाना प्रशासन और नंदी शालाओं के संचालकों से बात की तो उनके पास ठोस जवाब नहीं मिला. दोनों ही एक दूसरे में कमिया बताते हुए नजर आए. नगर परिषद अधिकारी राजेश वर्मा ने बताया कि कई बार पशुओं को पकड़ने के लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं. एक बार 53 और दूसरी बार 71 आवारा पशु पकड़े गए.

शहर के मुख्य मार्ग पर हादसों को दावत देते पशु

बता दें कि नगर परिषद आवारा पशुओं को पकड़ने के बाद संबंधित नंदीशाला और गौशाला में उनकी टैगिंग करवाती है. इसके बाद भी सड़कों पर टैगिंग लगे हुए पशु या कान कटे हुए पशु मिलते हैं. इसके जिम्मेदार संबंधित नंदीशाला और गौशाला है. इनकी जांच कराई जाएगी. अगर कोई लापरवाही मिली तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में गोहाना से कांग्रेस विधायक जगबीर मलिक ने सराकर पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार ने हरियाणा को कैटल फ्री बनाने का दावा किया, लेकिन आज प्रत्येक शहर में आवारा पशु घूम रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार गौ माता की राजनीति करती है, लेकिन गौशालाओं में वो भूखी मर रही हैं.

सब्जी मंडी में आवार पशुओं का जमावड़ा

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स्थानीय लोगों के मुताबिक आवारा पशुओं के कारण सड़कों पर निकलना मुश्किल हो गया है. आवारा पशु प्रत्येक गलियों में और सड़कों पर आपको घूमते मिल जाएंगे. जिससे हादसे होने की डर बना रहता है. ईटीवी भारत ने जब नंदीशाला और गौशाला संचालकों से पशु रजिस्टर संख्या दिखाने की बात कही तो उन्होंने लिस्ट दिखाने से मना कर दिया और कहते रहे कि हमारे पास जो पशु आते हैं. वही हमारे पास हैं. हम किसी भी आवारा पशुओं को लेने के बाद छोड़ते नहीं है.

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