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शहीद शमशेर सिंह चौहान का पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार, ग्रामीणों ने नम आंखों से दी अपने लाल को विदाई

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Published : Jan 7, 2022, 3:14 PM IST

Rewari soldier martyred
Rewari soldier martyred ()

रेवाड़ी के रतनथल गांव के रहने वाले सूबेदार शमशेर सिंह चौहान शहीद हो गए. वे एक बंकर ब्लास्ट में घायल हो गए थे. इसके बाद उनका इलाज आर्मी हॉस्पिटल में चल रहा था जहां उन्होंने दम तोड़ (bunker blast in leh ladakh) दिया. आज उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा और सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

रेवाड़ी: लेह लद्दाख में हुए एक बंकर ब्लास्ट में रतनथल गांव के रहने वाले सूबेदार शमशेर सिंह चौहान (martyr soldier shamsher singh) घायल हो गए. इलाज के दौरान घायल सूबेदार मेजर शमशेर सिंह चौहान शहीद हो (Rewari soldier martyred) गए. वहीं आज उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा और सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस मौके पर कोसली विधायक लक्ष्मण सिंह यादव भी मौजूद रहे. अपने लाल शमशेर सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी.

मिली जानकारी के अनुसार 2 जनवरी की रात करीब ढाई बजे जम्मू कश्मीर के लेह लद्दाख में बने बंकर में अचानक आग लग गई. आग इस तरह से भड़की की वहां ब्लास्ट हो गया. शमशेर सिंह ने अपने साथियों की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह किए बगैर जलती सिगड़ी पर कूद पड़े. आग की वजह से वहां अचानक हुए ब्लास्ट में शमशेर सिंह चौहान गंभीर रूप से जख्मी हो गए. इसके बाद उन्हें इलाज के लिए आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उन्होंने 3 जनवरी की सुबह दम तोड़ दिया.

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शमशेर सिंह 3 बहनों के इकलौते भाई थे. शमशेर सेना की यूनिट 22 मेक के जवान थे और लेह लद्दाख के तागसे में तैनात थे. शमशेर सिंह चौहान एक सप्ताह पहले ही सूबेदार के पद पर प्रमोट हुए थे. शमशेर सिंह के पिता भवानी सिंह भी सेना में थे और कैप्टन पद से सेवानिवृत्त हैं. पिता कैप्टन भवानी सिंह के अतिरिक्त परिवार में मां कमलेश देवी, पत्नी रजनी देवी, 18 वर्षीय बेटा प्रयाग, 13 वर्षीय बेटी धानिया व 12 वर्षीय बेटी फाल्गुनी है.

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