नूंह: जिले में जन्म जात दोष से ग्रस्त बच्चों को इलाज के बाद सम्मानित किया गया है.सिविल सर्जन डॉ सुरेंद्र यादव ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 0 से 18 वर्ष के बच्चों की जांच के लिए जिले में 13 मोबाइल हेल्थ टीमें कार्यरत हैं.
डॉ. सुरेंद्र यादव ने बताया कि प्रत्येक टीम में 2 आयुष चिकित्सा अधिकारी( महिला एवं पुरुष), एक फार्मेसी अधिकारी होती है. यह वर्ष में 2 बार आंगनवाड़ी केंद्र और एक बार स्कूलों में बच्चों की जांच करती है.
डॉ. सुरेंद्र यादव ने बताया कि जांच के उपरांत बच्चों की बीमारी अनुसार इलाज किया जाता है.बच्चों का इलाज स्वास्थ्य विभाग हरियाणा द्वारा सरकारी एवं आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं से सुसज्जित प्राइवेट अस्पतालों में नि:शुल्क प्रदान करवाया जाता है. जिसमें लाभार्थियों से कोई भी शुल्क नहीं लिया जाता है.