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हरियाणा में वॉलीबॉल खिलाड़ियों की फैक्ट्री बना रहे अर्जुन अवार्डी दलेल सिंह, नये खिलाड़ी कर रहे हैं तैयार

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Published : Oct 1, 2022, 6:29 PM IST

Updated : Oct 1, 2022, 8:01 PM IST

Haryana volleyball player Dalel Singh
Haryana volleyball player Dalel Singh

हरियाणा के धाकड़ छोरे और छोरियां हर खेल में जलवा दिखाते हैं. बॉक्सिंग, कुश्ती या हो कबड्डी. सबमें हरियाणा के लाल देश के लिये पदक जीतकर देश का नाम पूरी दुनिया में चमकाते हैं. कुरुक्षेत्र के रहने वाले अर्जुन अवॉर्डी वॉलीबॉल खिलाड़ी डॉ दलेल सिंह (volleyball player Dalel Singh) अब हरियाणा में वॉलीबॉल के खिलाड़ियों की फैक्ट्री बनाने में जुटे हैं.

कुरुक्षेत्र:हरियाणा खेल व खिलाड़ियों का प्रदेश कहा जाता है. यहां कुश्ती, कबड्डी और बॉक्सिंग के अव्वल दर्जे के खिलाड़ी रहते हैं. जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने में अहम भूमिका निभाई है. हरियाणा ने वॉलीबॉल के भी धाकड़ खिलाड़ी देश को दिये हैं. जाने-माने वॉलीबॉल खिलाड़ी अर्जुन अवॉर्डी डॉ दलेल सिंह (Haryana volleyball player Dalel Singh) भी यहीं के रहने वाले हैं.

वॉलीबॉल खिलाड़ी दलेल सिंह कुरुक्षेत्र के अभिमन्युपुर गांव के रहने वाले हैं. विश्वविद्यालय में दाखिला लिया तो उनका कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय वॉलीबॉल टीम (Kurukshetra University Volleyball Team) में चयन हो गया. उसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वॉलीबॉल खेल को भारत में बड़े आयाम तक पहुंचाया. वह लगातार 10 वर्ष तक भारतीय वॉलीबॉल टीम के खिलाड़ी और 4 साल तक टीम के कप्तान रहे. उन्होंने शानदार खेल से वॉलीबॉल गेम में एशियन गेमों में भागीदारी की और भारत को मेडल दिलाने का काम किया. दलेल सिंह आज नये वॉलीबॉल खिलाड़ियों को तैयार कर रहे हैं. कहा जाता है कि जब डॉक्टर दलेल सिंह वॉलीबॉल खेलते थे तो उन्हें प्रतियोगिता के लिए ट्रायल देने की आवश्यकता नहीं पड़ती थी.

वॉलीबॉल खिलाड़ी अर्जुन अवॉर्डी डॉ दलेल सिंह

दलेल सिंह ने कहा कि उनका वॉलीबॉल के प्रति अब भी काफी लगाव है. उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में बतौर खेल विभाग डायरेक्टर पद पर जॉइनिंग करने के बाद्र विश्वविद्यालय की टीम का मार्गदर्शन किया. उनकी मेहनत से नॉर्थ जोन में टीम लगातार 15 से 16 वर्षों तक चैंपियन बनी रही. ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में भी विश्वविद्यालय की टीम ने मेडल जीते. विश्वविद्यालय में बतौर डायरेक्टर उन्होंने कई वर्ष तक सेवाएं दींं.

साल 1990 में डॉ दलेल सिंह को सर्वोच्च खेल सम्मान अर्जुन पुरस्कार (Dalel Singh) से भी सम्मानित किया गया. डॉ दलेल सिंह ने कहा कि उनके गांव के सरकारी स्कूल के अध्यापक ने उन्हें वॉलीबॉल खेलना सिखाया था. उसके बाद गांव के दूसरे खिलाड़ी भी वॉलीबॉल खेलने लगे जिसकी बदौलत आज गांव में लगभग 200 खिलाड़ी ऐसे हैं जो वॉलीबॉल के जरिए सरकारी विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. डॉ दलेल सिंह ने कहा कि सैकड़ों खिलाड़ी जो विश्वविद्यालय में वॉलीबॉल टीम का सदस्य रहे हैं वह भी अच्छी नौकरी प्राप्त कर चुके हैं.

कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स.

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के वॉलीबॉल के कोच राजेश ने बताया कि डॉक्टर दलेल सिंह उनके आइडियल है. जिनकी बदौलत हरियाणा ही नहीं पूरा भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वॉलीबॉल में जाना जाता है. गांव अभिमन्युपुर के वॉलीबॉल नर्सरी के कोच शिव कुमार ने कहा कि डॉक्टर दलेल सिंह के कारण उनका गांव वॉलीबॉल में पूरे भारत में नंबर वन पर आता है. उन्होंने कहा कि उनके गांव में लगभग 30 से 40 खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं. 200 से ज्यादा खिलाड़ी सरकारी नौकरी पर हैं.

मैदान में प्रेक्टिस करते खिलाड़ी.

उन्होंने कहा कि गांव में पूर्व दिवंगत अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सुनील कुमार के नाम से स्टेडियम बनाया हुआ है. जहां पुरुष और महिला दोनों की वॉलीबॉल की नर्सरी चली हुई है. जहां लगभग 50 लड़कियां और 100 के करीब लड़के प्रशिक्षण ले रहे हैं. डॉ दलेल सिंह समय-समय पर गांव में आते रहते हैं और खिलाड़ियों को वॉलीबॉल के गुर सिखाते रहते हैं.

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Last Updated :Oct 1, 2022, 8:01 PM IST

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