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करनाल के खोरा खेड़ी गांव में 100 घरों को खाली करने के नोटिस, खुद मकान खाली नहीं किये तो प्रशासन हटायेगा कब्जा

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Published : Sep 22, 2022, 2:38 PM IST

notice to khora khedi village in Karnal
करनाल में घर खाली करवाने के नोटिस ()

करनाल के खोरा खेड़ी में ग्रामीणों को पंचायती जमीन से मकान खाली करने के नोटिस (notice to khora khedi village in Karnal) जारी हुये हैं. खंड विकास एवं पंचायत विभाग ने 100 घरों के बाहर नोटिस लगा दिये हैं. जिसमें लिखा है कि मकान खाली नहीं हुये तो फिर प्रशासन कब्जा हटायेगा. इस कार्यवाही के दौरान प्रशासन जान माल के नुकसान के लिये जिम्मेदार नहीं होगा.

करनालःहरियाणा के करनाल में खंड विकास एवं पंचायत विभाग ने 100 घरों के बाहर नोटिस चिपकाये हैं. प्रशासन के इस फैसले से घरौंडा हल्के के खोरा खेड़ी गांव के सैकड़ों परिवारों पर बेघर होने का खतरा मंडराने लगा है. खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी द्वारा ग्रामीणों के घरों के बाहर नोटिस (notice to khora khedi village in Karnal) चस्पाये गये हैं. नोटिस के जरिए जिन मकानों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं वे 60-70 साल पहले बने थे. ग्रामीणों का कहना है कि अब इस जमीन को पंचायती भूमि बताया गया है और उनके घरों को तोड़ने का अल्टीमेटम जारी कर दिया गया.

ग्रामीणों ने किसी भी सूरत में अपने घर खाली नहीं करने की बात कही है. खोरा खेड़ी गांव में सैकड़ों परिवारों को घर खाली (house vacate in karnal) करने और उनका मलबा हटाने के निर्देश दिए गए हैं. ग्रामीणों को सभी मकान हटाने के लिए 22 सितंबर तक यानि आज तक का अल्टीमेटम दिया गया है. प्रशासन द्वारा दिए गए नोटिस के बाद सैकड़ों परिवारों में हड़कंप की स्थिति है. ग्रामीणों का कहना है कि जिस जमीन को अब पंचायती बताया जा रहा है उसपर उनके बाप दादा ने साठ सत्तर साल पहले मकान बनाए थे. लेकिन अब अचानक उनके घर गिराने के (encroachment in karnal) आदेश जारी कर दिए.


घरों में बसती है गांव की आधी आबादी- गांव में बने जिन घरों को हटाने के आदेश जारी हुए हैं उनमें गांव की करीब आधी आबादी बसती है. ग्रामीणों ने बताया कि लगभग सौ घर इस जमीन पर बने हुए हैं. जिनमें 700 से 800 महिला पुरुष व बच्चे रहते हैं. खंड विकास एवं पंचायत विभाग करनाल (Block Development and Panchayat Department Karnal) के अनुसार ग्रामीणों ने जोहड़ की भूमि पर मकान बना रखे हैं. कोर्ट के आदेशों के बाद यह सभी घर हटाए जाने के निर्देश दिए गए हैं.

इन आदेशों से प्रभावित होने वाले गरीब परिवारों का कहना है कि यदि प्रशासन उनके घरों को तोड़ने की कार्रवाई करता है तो गांव की आधी आबादी बेघर हो जाएगी. ग्रामीणों ने सरकार से गुहार लगाई है कि उनके घरों को तोड़ने की बजाए सरकार उनसे इस जमीन की कीमत ले सकती है.

पंचायत ने बनाई गलियां, बिजली व पानी के हैं कनेक्शन-ग्रामीणों का आरोप है कि उनके आशियाने उजाड़ने के पीछे गांव की राजनीति जिम्मेदार है. दो पक्षों के टकराव के कारण इस तरह की शिकायत बाजी हुई है. जिसके बाद मकानों को तोड़ने के आदेश जारी हुए. ग्रामीणों ने बताया कि जिस भूमि को अब जोहड़ बताया जा रहा है उस पर पूर्व की पंचायतों ने गलियां नालियां बनाई हैं. वही बिजली निगम और पब्लिक हेल्थ ने बिजली और पानी के कनेक्शन भी दिए हैं.

जो परिवार इन मकानों में रहते हैं वह लंबे अरसे से बिजली व पानी के बिलों का भुगतान भी कर रहे हैं. यदि यह जमीन जोहड़ की थी तो पंचायत ने इसमें गलियों और नालियों का निर्माण क्यों किया. सरकारी विभागों ने उन्हें सुविधाएं क्यों दी. 2 वर्ष पहले भी जमीन को लेकर शिकायत की गई थी. ग्रामीणों की मांग पर ग्राम पंचायत ने विभाग को प्रस्ताव भेजा था कि यह जमीन उनको बेच दी जाए. ताकि गांव की आधी आबादी न उजड़े. अभी जो नोटिस जारी हुए हैं उसके बारे में विभाग और सरकार के नुमाइंदों से बात की जाएगी.


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