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जींद में स्वास्थ्य विभाग का तंबाकू कंट्रोल अभियान, 1 दर्जन से ज्यादा दुकानदारों के कटे चालान

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Published : Mar 24, 2019, 10:33 AM IST

Updated : Mar 24, 2019, 3:28 PM IST

स्वास्थ्य विभाग द्वारा तंबाकू कंट्रोल कार्यक्रम के तहत छापेमारी का अभियान चलाया. बस अड्डा परिसर व नागरिक अस्पताल के आसपास क्षेत्र और जींद रेलवे स्टेशन पर इस अभियान के तहत धुम्रपान करते पाए गए 14 लोगों के चालान किए. अभियान के दौरान दुकानदार और डिप्टी एमएस राजेश भोला के बीच में कई बार आपसी नोंकझोक भी हो गई.

जींद: स्वास्थ्य विभाग द्वारा तंबाकू कंट्रोल कार्यक्रम चलाया गया. सभी विभागों को एक चालान बुक दी गई. जिसके तहत उन्हें अपने विभाग में और आसपास के इलाके में तंबाकू कंट्रोल नियम के तहत सार्वजनिक स्थानों पर बीड़ी, सिगरेट या तम्बाकू का उपयोग करते पाए जाने पर चालान चालान किए.

कार्यक्रमों का ब्यौरा देते एसएमओ

शिक्षा संस्थान के 100 मीटर के दायरे में बीड़ी सिगरेट के बेचने पर भी प्रतिबंध है. इसके साथ-साथ 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को भी यह बेचना प्रतिबंधित है. इसके बावजूद भी स्कूल परिसर में तंबाकू उत्पादों की बिक्री धड़ाधड़ जारी है. जिस लगाम लगाने में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं. इस समस्या से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डॉ. राजेश भोला के नेतृत्व में जींद शहर में कई जगह छापेमारी की तथा नियमों की अनदेखी पाए जाने पर चालान किए.

स्वास्थ्य विभाग ने चलाया तंबाकू कंट्रोल अभियान

अभियान के दौरान उलझे दुकानदार और डिप्टी एमएस राजेश भोला

अभियान के दौरान डिप्टी एमएस राजेश भोला और दुकानदार आपस में उलझ गए. दुकानदारों ने कहा ये दोष तो हमारा है. कि हम बेच रहे हैं, लेकिन दोष तो सरकारी महकमे का भी कम नहीं है. दुकानदार ने छात्रों और अध्यापकों पर धूम्रपान करने का आरोप लगाते हुए कहा की आधे से ज्यादा तो बच्चे बीड़ी सिगरेट का सेवन करते हैं. मास्टर भी पीते है हम क्या करें दुकानदार का ही सारा दोष होता है. हमें कम-कम एक बार सूचित किया होता हम नहीं बेचते. लेकिन कुछ हद तक तो सरकारी महकमा भी जिम्मेदार है.


जींद

स्वास्थ्य विभाग द्वारा तंबाकू कंट्रोल कार्यक्रम के तहत छापेमारी का चलाया अभियान

बस अड्डा परिसर व नागरिक अस्पताल के आसपास क्षेत्र और जींद रेलवे स्टेशन पर चलाया अभियान

अभियान के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान करते पाए गए 14 लोगों के किए चालान


अभियान के दौरान उलझे दुकानदार और डिप्टी एमएस राजेश भोला



एंकर
स्वास्थ्य विभाग द्वारा तंबाकू कंट्रोल कार्यक्रम चलाया गया है। सभी विभागों को एक चालान बुक इश्यू की गई है। जिसके तहत उन्हें अपने विभाग में और आसपास के इलाके में तंबाकू कंट्रोल नियम के तहत सार्वजनिक स्थानों पर बीड़ी, सिगरेट या तम्बाकू का उपयोग करते पाए जाने पर चालान करना है। विशेषकर शिक्षा संस्थान के 100 मीटर के दायरे में बीड़ी सिगरेट के बेचने पर भी प्रतिबंध है। इसके साथ-साथ 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को भी यह बेचना प्रतिबंधित है लेकिन इसके बावजूद भी स्कूल परिसर में तंबाकू उत्पादों की बिक्री धड़ाधड़ जारी है , जिस लगाम लगाने में प्रशासन के पसीने छूट रहे है , इस समस्या से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के टीम ने डॉ राजेश भोला के नेतृत्व में जींद शहर में कई जगह छापेमारी की तथा नियमों की अनदेखी पाए जाने पर चालान किये ,


डॉ राजेश भोला ने धूम्रपान से होने वाले दुष्पर्भाव पर नजर डालते हुए कहा कि जो लोग धुम्रपान करते हैं या तम्बाकू का सेवन करते हैं उससे शारीरिक क्षति तो होती ही है साथ ही फेफडों का कैंसर , मुख के कैंसर सहित कई अन्य रोगों के होने का खतरा लगातार बना रहता है।
ऐसे में हमें धुम्रपान कभी नहीं करना चाहिए और प्रण लेना चाहिए कि वो जीवन में कभी धुम्रपान नहीं करेंगे। सिगरेट की इच्छा को दबाने के लिए व्यायाम करना चाहिए।

बाइट - डॉ राजेश भोला , डिप्टी मेडिकल सुप्रिडेंट



अभियान के दौरान उलझे दुकानदार और डिप्टी एमएस राजेश भोला

अभियान के दौरान डिप्टी एमएस राजेश भोला और दुकानदार आपस में उलझ गए वहीं उन्होंने कहा की ये दोष तो हमारा है की हम बेच रहे है लेकिन दोष तो सरकारी महकमे का भी कम नहीं है और दुकानदार ने विधार्थियों और अध्यापको पर धूम्रपान करने का आरोप लगाते हुए कहा की आधे से ज्यादा तो बच्चे बीड़ी सिगरेट का सेवन करते है और मास्टर भी पीते है हम क्या करे दुकानदार का ही सारा दोष होता है कम कम एक बार हमको सूचित किया होता हम नहीं बेचते | लेकिन कुछ हद तक तो सरकारी महकमा भी जिम्मेदार है |


Last Updated :Mar 24, 2019, 3:28 PM IST

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