जींदःविधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आज आखिरी दिन है. जिसके चलते जननायक जनता पार्टी के उचाना कलां से प्रत्याशी और हिसार से पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला भी आज अपना नामांकन दाखिल किया. नामांकन का अंतिम दिन होने के कारण राजनीतिक दलों के और भी कई दिग्गज नेता अपना नामांकन दाखिल करेंगे.
उचाना सीट का इतिहास
जींद का उचाना कलां पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह का गढ़ रहा है, जो पहले पांच बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. बीरेंद्र सिंह और चौटाला परिवार के बीच इस कदर राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही है कि दुष्यंत के दादा और पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला 2009 में उचाना कलां सीट से चुनाव लड़े थे, जब परिसीमन के बाद जींद में नरवाना सीट आरक्षित हो गई थी. इनेलो के अध्यक्ष ओपी चौटाला ने 2009 में उचाना कलां से बीरेंद्र सिंह को 621 मतों के मामूली अंतर से हराया था.
दो बड़े घरानों में टक्कर
दुष्यंत और बीरेंद्र सिंह दोनों ही राज्य के प्रमुख जाट परिवारों से आते हैं और जींद जिले को हरियाणा का राजनीतिक केंद्र भी माना जाता है. अब एक बार फिर हरियाणा के दो बड़े सियासी घराने चौटाला परिवार और चौधरी छोटू राम का परिवार एक बार फिर आपस में टकराने के लिए तैयार हैं. फूट के चलते भले ही चौटाला परिवार दो हिस्सों में बंट चुका है, लेकिन दुष्यंत उचाना सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पत्नी को टक्कर देंगे.
दुष्यंत को 2014 में मिली थी हार
2014 में दुष्यंत चौटाला ने उचाना सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. दुष्यंत का मुकाबला करने के लिए बीजेपी ने बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता को मैदान में उतारा था. दुष्यंत 2014 के चुनाव में दादा ओमप्रकाश चौटाला की इस सीट को बचाने में कामयाब नहीं हो पाए और उन्हें प्रेमलता के हाथों 7,480 वोट से हार का सामना करना पड़ा.