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हिसार: गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर के डिजायन को मिला भारतीय पेटंट

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Published : Sep 7, 2020, 5:37 PM IST

गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के एक प्रोफेसर को डायलिसिस प्रक्रिया से संबंधित तैयार किए डिजाइन को भारत में पेटेंट मिला है. इस डिजाइन के तहत तैयार मशीनें डायलिसिस प्रक्रिया पूरी होते ही सूचना दे देंगी.

design of assistant professor of guru jambheshwar university hisar got indian patent
गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर के डिजायन को मिला भारतीय पेटंट

हिसार: गुर्दे फेल होने की समस्या से जुड़े रोगियों और इलाज कर रहे डॉक्टरों के लिए अच्छी खबर है. गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के प्रिंटिंग तकनीक विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. सुमित सरोह को डायलिसिस प्रक्रिया से संबंधित तैयार किए डिजाइन को भारत में पेटेंट मिला है. इस डिजाइन से तैयार डायलिसिस मशीन में इसमें लगे सेंसर और इंटरनेट ऑन थिग्स (आईओटी) डायलिसिस प्रक्रिया पूरी होते ही ऑटोमैटिक सूचना दे देंगे. गौरतलब है कि अब तक डायलिसिस प्रक्रिया पूरी होने के बारे में डॉक्टर को चेक करना पड़ता था. इस डिजाइन को फोन से भी जोड़ा जा सकता है.

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार व कुलसचिव डॉ. अवनीश वर्मा ने डॉ. सुमित को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है. प्रो. टंकेश्वर ने कहा है कि डॉ. सुमित के इस अनुसंधान ने विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाया है.

सेंसर देंगे डायलिसिस प्रक्रिया पूरी होने की सूचना

वहीं डॉ. सुमित ने बताया कि इस डिजायन के तहत डायलिसिस मशीन में दो चेंबर बने होंगे. अपर चेंबर में ओसमोसिर प्रक्रिया के तहत रक्त का शोधन किया जाएगा. रक्त से यूरिक एसिड, यूरिन तथा अन्य अमलीय पदार्थों को अलग किया जाएगा. लोअर चेंबर में अमलीय और अन्य विजातीय तत्वों को शरीर से बाहर करने की प्रक्रिया पूरी होगी. साथ ही शुद्ध रक्त को शरीर की धमनियों में फिर से प्रवाहित किया जाएगा. डायलिसिस प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी होने पर डायलिसिस मशीन पर लगे सेंसर प्रक्रिया की पूर्ण होने को सेन्स करेंगे और आईओटी द्वारा इसकी सूचना दी जाएगी.

डॉक्टर और मरीज दोनों के लिए लाभकारी होगी मशीन

डॉ. सुमित ने बताया कि इस डिजाइन से तैयार डायलिसिस मशीन वर्तमान में उपलब्ध मशीनों से छोटी और हल्की होगी. से आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकेगा. इस प्रकिया से डायलिसिस प्रक्रिया पूरी होने की सही जानकारी ऑटोमैटिक मिल जाएगी. इससे मैन पावर भी बचेगा. उन्होंने कहा कि ये डिजाइन मरीज और डाक्टर दोनों के लिए उपयोगी होगा. डॉ. सुमित सरोहा ने हाल में ही एक यूनिवर्सल होम रिमोट का डिजायन तैयार किया था. इस डिजाइन को भी भारतीय पेटंट मिला था.

पत्नी के हार्ट में लगे पेस मेकर से मिला आइडिया

डॉ. सुमित ने बताया कि इस डिजाइन का आइडिया उन्हें पत्नी को हार्ट में लगे पेस मेकर से मिला है. उनकी पत्नी की उम्र मात्र 30 वर्ष है और उन्हें हार्ट की बीमारी की वजह से पेस मेकर लगवाना पड़ा है. डॉ. सुमित ने बताया कि उनकी पत्नी के हार्ट में लगा पेस मेकर उनके मोबाइल से जुड़ा हुआ है. जब कभी भी उनकी पत्नी की हृदय गति में कोई बदलाव आता है. पेस मेकर में लगी डिवाइस उन्हें तुरंत उनके फोन पर सूचना दे देती है. उन्होंने भी इस प्रकार की डिवाइस के लिए डिजायन तैयार करने की योजना बनाई थी और ये योजना सफलतापूर्वक पूरी हो गई.

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