हिसार: गुर्दे फेल होने की समस्या से जुड़े रोगियों और इलाज कर रहे डॉक्टरों के लिए अच्छी खबर है. गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के प्रिंटिंग तकनीक विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. सुमित सरोह को डायलिसिस प्रक्रिया से संबंधित तैयार किए डिजाइन को भारत में पेटेंट मिला है. इस डिजाइन से तैयार डायलिसिस मशीन में इसमें लगे सेंसर और इंटरनेट ऑन थिग्स (आईओटी) डायलिसिस प्रक्रिया पूरी होते ही ऑटोमैटिक सूचना दे देंगे. गौरतलब है कि अब तक डायलिसिस प्रक्रिया पूरी होने के बारे में डॉक्टर को चेक करना पड़ता था. इस डिजाइन को फोन से भी जोड़ा जा सकता है.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार व कुलसचिव डॉ. अवनीश वर्मा ने डॉ. सुमित को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है. प्रो. टंकेश्वर ने कहा है कि डॉ. सुमित के इस अनुसंधान ने विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाया है.
सेंसर देंगे डायलिसिस प्रक्रिया पूरी होने की सूचना
वहीं डॉ. सुमित ने बताया कि इस डिजायन के तहत डायलिसिस मशीन में दो चेंबर बने होंगे. अपर चेंबर में ओसमोसिर प्रक्रिया के तहत रक्त का शोधन किया जाएगा. रक्त से यूरिक एसिड, यूरिन तथा अन्य अमलीय पदार्थों को अलग किया जाएगा. लोअर चेंबर में अमलीय और अन्य विजातीय तत्वों को शरीर से बाहर करने की प्रक्रिया पूरी होगी. साथ ही शुद्ध रक्त को शरीर की धमनियों में फिर से प्रवाहित किया जाएगा. डायलिसिस प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी होने पर डायलिसिस मशीन पर लगे सेंसर प्रक्रिया की पूर्ण होने को सेन्स करेंगे और आईओटी द्वारा इसकी सूचना दी जाएगी.