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सब्जियों के लिए भावांतर भरपाई योजना चलाने वाला हरियाणा एकलौता राज्य, ऐसे कर सकते हैं किसान आवेदन

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Published : Apr 9, 2023, 6:46 PM IST

सब्जियों के लिए अलग से भावांतर भरपाई योजना चलाने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है. जानें क्या है ये योजना और कैसे किसान उठा सकते हैं इस योजना का लाभ.

bhavantar compensation scheme
bhavantar compensation scheme

फरीदाबाद: हरियाणा में बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसल खराब हो गई. हरियाणा सरकार ने बेमौसम बारिश से खराब फसलों की स्पेशल गिरदावरी कर मुआवजे का ऐलान किया है. गेहूं और सरसों के साथ सब्जियों की फसल को भी नुकसान पहुंचा है. कई बार देखा जाता है कि किसान सब्जियों की लागत का मूल्य तक नहीं निकाल पाता. वो कौड़ी के भाव में सब्जी बाजार में बेचने को मजबूर हो जाता है. कई बार तो किसान सही दाम नहीं मिलने से सब्जियों को सड़कों पर फेंक देते हैं या फिर ट्रैक्टर चलाकर सब्जी की फसल को तबाह कर देते हैं. किसानों की इसी समस्या को देखते हुए हरियाणा सरकार ने भावांतर भरपाई योजना की शुरुआत की.

एक जनवरी 2018 से हरियाणा में भावांतर भरपाई योजना की शुरुआत हुई थी.

भावांतर भरपाई योजना क्या है? एक जनवरी 2018 से हरियाणा में भावांतर भरपाई योजना की शुरुआत हुई थी. इस योजना का मकसद है किसानों को उनकी सब्जियों का सही दाम मिले. इस योजना में पहले आलू, प्याज, टमाटर और फूल गोभी को रखा गया था. बाद में इसमें मटर, गाजर, बैंगन, शिमला मिर्च को जोड़ दिया. इसके अलावा अमरूद और किन्नू को भी इस योजना में जोड़ दिया गया. हर साल सरकार इन सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती है. अगर उनकी फसल एमएसपी नहीं बिक पाती तो सरकार उसकी भरपाई करेगी. मतलब ये कि मंडियों से मिलने वाले रेट और सरकार द्वारा तय किए गए रेट के बीच जो अंतर आएगा. सरकार उसे 10 दिनों के अंदर किसान के खाते में डाल देगी.

भावांतर भरपाई योजना के तहत आने वाली सब्जियों की कीमत सरकार ने पहले से ही तय की है.

ऐसे करें आवेदन: भावांतर भरपाई योजना का लाभ उठाने के लिए आपको सबसे पहले सब्जी लगाने से पहले 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' पोर्टल www.fasalhry.in पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. इसके लिए आपके पास जरूरी दस्तावेज होना जरूरी है. जैसे खेत किसके नाम है. कौन सी सब्जी आप लगाने जा रहे हो. जिस सब्जी को आप खेती करोगे उसकी बिजाई का बिल आपके पास होना जरूरी है. आप कितने एकड़ में खेती कर रहे हो इसकी जानकारी देनी पड़ेगी. इसके बाद अपना आधार कार्ड और जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे. जिसके बाद आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा. इसके अलावा आप ऑफलाइन भी रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. इसके लिए आप नजदीकी ई दिशा केंद्र, सरल केंद्र, मार्केट बोर्ड और बागवानी विभाग के कार्यालय में जाकर भी अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.

भावांतर भरपाई योजना के तहत आने वाली सब्जियों की कीमत सरकार ने पहले से ही तय की है.

सरकार द्वारा तय की गई कीमत: भावांतर भरपाई योजना के तहत आने वाली सब्जियों की कीमत सरकार ने पहले से ही तय की है. टमाटर 500 रुपये प्रति क्विंटल, प्याज 650 रुपये प्रति क्विंटल, भिंडी 1050 रुपये प्रति क्विंटल, घीया 1450 रुपये प्रति क्विंटल, करेला 350 रुपये प्रति क्विंटल, बैंगन 500 रुपये प्रति क्विंटल, मिर्च का 950 प्रति क्विंटल, शिमला मिर्च का भाव 900 प्रति क्विंटल तय किया है.

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नहीं मिल रही सही कीमत, तो ऐसे करें अप्लाई: इस योजना के बारे में फरीदाबाद बागवानी एवं उद्यान अधिकारी डॉक्टर रमेश कुमार ने बताया कि जिले में हजारों किसानों को इस योजना से फायदा हो रहा है. जिन किसानों को इस बारे में अभी तक नहीं पता है, उनको लगातार जागरूक किया जा रहा है. जो किसान किसी वजह से रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाते. उनके लिए विभाग की तरफ से विशेष कैंप लगाए जाते हैं. अब हजारों किसान इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. डॉक्टर रमेश कुमार ने बताया कि किसान हरियाणा एग्रीकल्चर की मंडियों में भावांतर योजना के तहत लिस्टेड सब्जी और फलों की बिक्री करें और गेट पास जरूर लें. इसके अलावा 2 दिन के अंदर बिक्री के बिल को पोर्टल पर जाकर जमा करें. तभी उनको फायदा मिल सकता है.

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