चंडीगढ़: दिल्ली में जंतर-मंतर पर कुश्ती खिलाड़ी भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ लामबंद हुए हैं. पहलवान कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर प्रताड़ित और अपमानित करने का आरोप लगा रहे हैं. इस सबके बीच पूर्व वेटलिफ्टर और वर्तमान डब्ल्यूडब्ल्यूई की रेसलर कविता दलाल ने भी पहलवानों का सर्मथन किया है. इसके साथ ही कविता दलाल ने अपने साथ हुई घटना का खुलासा करते हुए कुश्ती खिलाड़ियों के साथ खड़े होने की बात कही है.
WWE रेसलर कविता दलाल से जब सवाल किया गया कि उनके साथ जो घटना घटी थी वह कब थी और क्या हुआ था. इस सवाल के जवाब में कविता दलाल ने कहा कि, 'यह बात साल 2008 की है, भारत्तोलक संघ के अध्यक्ष हरभजन सिंह हुआ करते थे. उनके समय के दौरान मेरे सामने भी ऐसी परिस्थितियां आई थीं. मैं उन परिस्थितियों से बाहर निकलने में सक्षम थी. उस समय इस मामले को लेकर मुझमे बोलने की हिम्मत नहीं थी, लेकिन उनका शिकार बनने से मैं अपने आपको बचा पाई इसके लिए मैं अपने आप को भाग्यशाली समझती हूं, लेकिन मेरा मानना है कि हर लड़की भाग्यशाली नहीं है और हर लड़की मानसिक रूप से उतनी स्ट्रॉन्ग नहीं है. जो अपना इतना लंबा करियर छोड़कर और ट्रैक चेंज करके दूसरी फील्ड में जाए और उसमें कामयाब हो जाए.'
कविता दलाल ने कहा कि, 'यह साल 2008 और 2010 के बीच लखनऊ की बात है. उस वक्त मुझे कैंप के लिए लखनऊ साईं सेंटर से परमिशन चाहिए थी. उस वक्त मैंने उसे कहा था कि मुझे फेडरेशन की ओर से लेटर चाहिए. ताकि मुझे डिपार्टमेंट से परमिशन मिल सके. यह सब उसके दौरान ही हुआ था. मेरे कोच ने मुझे पहले ही आगाह किया था. क्योंकि इन चीजों को सब जानते हैं, लेकिन बोलने से बचते हैं.'
उन्होंने कहा कि, उस दौरान उनके पति भी उनके साथ थे. उनकी नॉलेज में सारी बातें पहले ही डाल दी गई थी. वे बिल्डिंग के नीचे खड़े हो गए थे और उन्होंने मुझे प्रोटेक्शन के साथ ऊपर भेजा था. उन्होंने कहा था कि अगर कुछ ऐसा वैसा हो तो तुरंत मुझे फोन डायल कर देना, लेकिन मैं वहां से ठीक-ठाक बच कर निकल गई यह मेरा सौभाग्य था. हालांकि वे कहती हैं कि अगर मेरे साथ ऐसी वैसी हरकत होती तो मेरे में जितनी हिम्मत थी कि मैं उनका मुंह तोड़ कर भी आ जाती. हालांकि वह कहती हैं कि हम लड़कियां हैं इसलिए सिस्टम से उलझने से अच्छा हम रास्ता बदल देते हैं.