चंडीगढ़: सीएमआईई (CMIE) ने हाल ही में दिसंबर 2021 के बेरोजगारी दर के आंकड़े जारी किए हैं. आंकड़ों के अनुसार जहां दिसंबर 2021 में बेरोजगारी की दर (Unemployment Rate) 7.91 फीसदी रही वहीं नवंबर महीने में यह सात फीसदी थी. बेरोजगारी का यह आंकड़ा अगस्त 2021 के बाद सर्वाधिक है. CMIE की रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर महीने के दौरान सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर 34.1 फीसदी रिकार्ड (haryana Unemployment Rate) की गई है. वहीं इन आंकड़ों को लेकर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने सरकार पर हमला बोला है.
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार प्रदेश के सुशिक्षित व भोले-भाले युवाओं का भविष्य चौपट करने पर तुली हुई है. यह सरकार न तो सरकारी भर्तियों को ही सिरे चढ़ा पा रही है और न ही वायदे के मुताबिक निजी क्षेत्र में प्रदेश के युवाओं को आरक्षण देने के कानून को लागू कर पा रही है. सैलजा ने कहा कि इसी वजह से सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की रिपोर्ट में देश के अन्य राज्यों के मुकाबले हरियाणा बेरोजगारी के मामले में लगातार टॉप पर बना हुआ है.
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कुमारी सैलजा ने कहा कि सीएमआईई की ताजा रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में बेरोजगारी की दर अन्य राज्यों के मुकाबले सर्वाधिक 34.1 प्रतिशत मिली है. इससे पहले साल 2020 के समापन पर भी हरियाणा में बेरोजगारी की दर देश में सबसे अधिक 32.5 प्रतिशत रही थी. इससे साफ है कि हरियाणा बेरोजगारी के मामले में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की गलत नीतियों की वजह से युवाओं को रोजगार नहीं मिला है. सैलजा ने कहा कि लगातार दो साल देश में बेरोजगारी के नंबर वन का स्थान हासिल करने के बाद भी प्रदेश सरकार कोई सबक लेने को तैयार नहीं है.
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर 30.6 प्रतिशत रही है, जबकि शहरी क्षेत्रों में 39.1 प्रतिशत है. आज लोगों के रोजगार जा रहे हैं और नए अवसर सृजित नहीं हो पा रहे हैं. यही वजह है कि बेरोजगारी के मामले में साल 2021 के 12 महीनों में से 8 में हरियाणा टॉप स्थान पर रहा है. कुमारी सैलजा ने कहा कि साल 2021 में प्रदेश में सरकारी भर्ती करने वाले एचपीएससी व एचएसएससी ने 12 भर्तियां निकाली, जिनमें से सिर्फ सब इंस्पेक्टर की एक भर्ती ही मुकम्मल हुई. बाकी भर्तियां भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. ये आज भी पेपर लीक व भर्ती घोटालों की वजह से लंबित पड़ी हैं. कुमारी सैलजा ने कहा कि इस सरकार की युवाओं को रोजगार देने की मंशा ही नहीं है.
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